प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त अमेरिका की यात्रा पर हैं, जहां उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की है। इस मुलाकात के दौरान
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त अमेरिका की यात्रा पर हैं, जहां उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की है। इस मुलाकात के दौरान, अमेरिका ने भारत से चोरी या तस्करी कर लाई गईं 297 पुरानी और कीमती एंटीक्स (पुरावशेष) भारत को लौटाने की व्यवस्था कर दी है। यह वादा अमेरिका ने पहले किया था, जिसे अब पूरा कर दिया गया है। ये एंटीक्स भारत की सांस्कृतिक धरोहर हैं, जो जल्द ही वापस लाई जाएंगी।
ये पुरावशेष करीब 4000 साल पुराने हैं, जिनका समय 2000 BCE (ईसा पूर्व) से 1900वीं सदी के बीच का है। इनमें से अधिकांश पूर्वी भारत की टेराकोटा कलाकृतियां हैं, जबकि कुछ पत्थर, धातु, लकड़ी और हाथीदांत से बनी हैं। इन वस्तुओं को भारत के विभिन्न हिस्सों से चोरी या तस्करी कर अमेरिका ले जाया गया था।
पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन की मुलाकात के दौरान कुछ खास पुरावशेषों की एक प्रदर्शनी भी दिखाई गई। पीएम मोदी ने इन एंटीक्स की वापसी में मदद करने के लिए राष्ट्रपति बाइडेन का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि ये कलाकृतियां भारत की ऐतिहासिक संस्कृति और सभ्यता का अभिन्न हिस्सा हैं।
इन एंटीक्स की वापसी के लिए भारत और अमेरिका के बीच 2024 के जुलाई में एक सांस्कृतिक संपत्ति समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। इसके बाद, अमेरिका के ब्यूरो ऑफ एजुकेशनल एंड कल्चरल अफेयर्स और भारत के संस्कृति मंत्रालय ने मिलकर इन धरोहरों को वापस लाने की तैयारी की। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सहयोग से यह प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
भारत को वापस दी जा रही कुछ खास कलाकृतियां निम्नलिखित हैं:
• 10-11वीं शताब्दी की मध्य भारत की बलुआ पत्थर की अप्सरा
• 15-16वीं सदी के ब्रॉन्ज से बने जैन तीर्थंकर
• पूर्वी भारत से 3-4वीं शताब्दी के टेराकोटा फूलदान
• 1वीं सदी ईसा पूर्व की दक्षिण भारत की पत्थर की मूर्ति
• 17-18वीं सदी के भगवान गणेश की कांस्य मूर्ति
• 15-16वीं सदी के उत्तर भारत से बलुआ पत्थर में भगवान बुद्ध की मूर्ति
• 17-18वीं सदी के भगवान विष्णु की कांस्य मूर्ति
• 2000-1800 ईसा पूर्व की उत्तर भारत से तांबे की मानवरूपी आकृति
अमेरिका और भारत के बीच मजबूत सांस्कृतिक संबंधों के तहत 2016 से अब तक कुल 578 सांस्कृतिक कलाकृतियां भारत को वापस मिली हैं। इनमें से:
• जून 2016 में 10 पुरावशेष वापस मिले थे
• सितंबर 2021 में 157 पुरावशेष लौटाए गए
• पिछले साल जून में 105 पुरावशेष भारत को लौटाए गए थे
यह वापसी भारत-अमेरिका के संबंधों को और गहरा करती है और दोनों देशों की सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा में बड़ा कदम है।
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