September 17, 2024
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कैशबैक के नाम पर 'टॉकचार्ज' ने मोबाइल ऐप से लोगों को 5,000 करोड़ रुपये का चूना लगाया

  • WRITTEN BY: Anjali Singh
  • LAST UPDATED : September 10, 2024, 8:54 pm IST

नई दिल्ली: आजकल रिचार्ज और खरीदारी पर कैशबैक ऑफर बहुत आम हो गए हैं, लेकिन कैशबैक की आड़ में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। गुरुग्राम स्थित ‘टॉकचार्ज’ नामक कंपनी ने लोगों को 5,000 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। आइए इस घोटाले के बारे में विस्तार से जानते हैं

‘टॉकचार्ज’ का घोटाला

कैसे शुरू हुआ घोटाला: ‘टॉकचार्ज’ ने लोगों को आकर्षक कैशबैक ऑफर का वादा किया। शुरुआत में 4,999 रुपये की जमा राशि पर 1,666 रुपये का कैशबैक और 59,999 रुपये जमा करने पर 7,50,000 रुपये का कैशबैक जैसे ऑफर दिए गए। लेकिन, इसके पीछे एक बड़ी धोखाधड़ी की योजना थी।

धोखाधड़ी का खुलासा: कंपनी ने पहले यूजर्स को कैशबैक का झांसा दिया, लेकिन धीरे-धीरे धोखाधड़ी की गतिविधियां शुरू हो गईं। जुलाई 2023 से कंपनी ने 20 प्रतिशत सुविधा शुल्क लेना शुरू किया और अगस्त 2023 में ‘नो फीस’ प्रोमो कोड लॉन्च किया, लेकिन इसके बाद भी धोखाधड़ी का सिलसिला जारी रहा। जनवरी 2024 से फर्जी लेनदेन और मार्च 2024 तक एप्लिकेशन पर निकासी और सेवाएं पूरी तरह बंद हो गईं।

पीड़ितों की आपबीती

रातों रात सब कुछ गंवाया: राजस्थान के दौसा के निवासी रामअवतार शर्मा ने कहा कि उन्होंने अपनी सारी बचत और बैंकों से कर्ज लेकर इस ऐप में निवेश किया था। लेकिन, अंत में उन्हें सिर्फ नुकसान ही हुआ। उनके अनुसार, ऐप पर भरोसा करना उनकी सबसे बड़ी गलती थी।

धोखाधड़ी के तरीके: एक अन्य पीड़ित अभिषेक मणि ने बताया कि ऐप के मास्टरमाइंड ने धोखा देने के लिए कई तरकीबों का इस्तेमाल किया। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि ऐप की को-फाउंडर शिवानी माहेश्वरी ने पहले कभी किसी कंपनी में काम नहीं किया, फिर कैसे वह करोड़ों का निवेश कर रही थीं।

कानूनी कार्रवाई और शिकायतें

एफआईआर और जांच: कंपनी के प्रमोटर्स के खिलाफ पूरे भारत में कई एफआईआर और शिकायतें दर्ज की गई हैं। एक सोर्स ने गुरुग्राम पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में दर्ज एक एफआईआर प्राप्त की है। जांच में टॉकचार्ज के सह-संस्थापक शिवानी माहेश्वरी और कुछ कर्मचारियों की भी भूमिका की जांच की जा रही है। आरबीआई, सेबी, आयकर और जीएसटी विभाग में भी कई शिकायतें दर्ज की गई हैं, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।

यह घोटाला साबित करता है कि कैसे आकर्षक ऑफर के पीछे छुपी धोखाधड़ी के जाल में फंसना बेहद आसान हो सकता है। यदि आपको भी इस खबर की जानकारी उपयोगी लगी हो, तो कृपया इसे लाइक और शेयर करें, और ऐसी और जानकारी के लिए कमेंट करके बताएं।

 

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