अमेरिका में वेदांता को बड़ा झटका, देना होगा 800 करोड़ से ज्यादा का जुर्माना!

नई दिल्ली: भारतीय कारोबारी अनिल अग्रवाल के वेदांता ग्रुप को अमेरिका में बड़ा झटका लगा है. अमेरिका की एक अदालत ने ग्रुप कंपनी पर 800 करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया है. ये मामला ट्रेड सीक्रेट से जुड़ा है.

वेदांता ग्रुप की ऑप्टिक फाइबर

यह जुर्माना वेदांता ग्रुप की ऑप्टिक फाइबर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज (STL) पर लगाया गया है. एसटीएल ने खुद एक बयान में अमेरिकी कोर्ट द्वारा लगाए गए जुर्माने की जानकारी दी है. कंपनी ने एक बयान में कहा है कि व्यापार संबंधी अधिकारों के उल्लंघन के मामले में अमेरिकी अदालत ने उस पर 96 मिलियन डॉलर (करीब 806 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया है.

इटालियन कंपनी से जुड़ा मामला

इस मामले में अनिल अग्रवाल की कंपनी स्टरलाइट टेक पर इटालियन कंपनी प्रिज्मियन के व्यापार रहस्य अवैध रूप से रखने का आरोप था. उन रहस्यों में ग्राहक, नए उत्पाद और मैन्युफैक्चरिंग विस्तार योजनाएं भी शामिल हैं. इस मामले में साउथ कैरोलिना में तीन साल से केस चल रहा था. अब मामले में एक आदेश आया है, जो स्टरलाइट के खिलाफ है. अनिल अग्रवाल की कंपनी कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं है. कंपनी ने कहा है कि वह जल्द ही कोर्ट के फैसले को चुनौती देने जा रही है.

स्टरलाइट टेक को बड़ा घाटा

अनिल अग्रवाल के वेदांता ग्रुप की स्टरलाइट टेक में 25% हिस्सेदारी है. वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में स्टरलाइट टेक को 82 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है, जबकि इसका राजस्व 1,140 करोड़ रुपये था. अमेरिकी अदालत ने स्टरलाइट टेक और उसके एक शीर्ष अधिकारी पर भारी जुर्माना भी लगाया है. ये जुर्माना स्टीफ़न सिजमान्स्की पर लगाया गया है. स्टीफ़न स्ज़िमांस्की पर प्रिज़्मियन के व्यापार रहस्यों का दुरुपयोग करने का आरोप है. अगस्त 2020 में स्टरलाइट टेक में शामिल होने से पहले, उन्होंने उत्तरी अमेरिका में प्रिज्मियन के ऑप्टिकल फाइबर व्यवसाय का प्रबंधन किया. अमेरिकी कोर्ट ने उन पर 2 लाख डॉलर का जुर्माना लगाया है.

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