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भारती एयरटेल ने ब्रिटिश कंपनी में खरीदी हिस्सेदारी, टाटा-महिंद्रा जैसी दिग्गज कंपनियों की लिस्ट में शामिल

भारती इंटरप्राइजेज (Bharti Enterprises), सुनील भारती मित्तल के नेतृत्व में, ने हाल ही में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कंपनी ने ब्रिटिश

Bharti Airtel buys stake in British company be in club Tata Mahindra
inkhbar News
  • August 12, 2024 9:06 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 months ago

नई दिल्ली: भारती इंटरप्राइजेज (Bharti Enterprises), सुनील भारती मित्तल के नेतृत्व में, ने हाल ही में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कंपनी ने ब्रिटिश टेलीकॉम (BT Group) में 4 अरब डॉलर की डील के तहत 24.5 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली है। इस कदम के साथ, भारती इंटरप्राइजेज अब टाटा ग्रुप, महिंद्रा और टीवीएस जैसी दिग्गज कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो गई है, जिन्होंने ब्रिटिश कंपनियों को अधिग्रहित किया है।

बीटी ग्रुप, जिसे पहले ब्रिटिश टेलीकॉम के नाम से जाना जाता था, लंदन में स्थित एक प्रमुख ब्रिटिश कंपनी है। यह कंपनी लगभग 180 देशों में काम करती है और ब्रिटेन में फिक्स्ड लाइन, ब्रॉडबैंड, और मोबाइल सर्विसेज प्रदान करती है। इसके अलावा, यह सब्सक्रिप्शन टीवी और आईटी सर्विसेज भी उपलब्ध कराती है।

दिग्गज कंपनियों के अधिग्रहण की सूची

– टाटा ग्रुप: टाटा ग्रुप ने ब्रिटिश कंपनियों को खरीदने में कई बड़े कदम उठाए हैं। फरवरी 2000 में, टाटा टी (Tata Tea) ने दुनिया के दूसरे सबसे बड़े टी ब्रांड टेटली (Tetley) को खरीदा। इसके अलावा, टाटा स्टील (Tata Steel) ने कोरस (Corus) और टाटा मोटर्स (Tata Motors) ने जगुआर लैंड रोवर (Jaguar Land Rover) को खरीदा।

– महिंद्रा एंड महिंद्रा: साल 2016 में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने यूके के प्रीमियम टू व्हीलर ब्रांड बीएसए (BSA) को खरीदा।

– टीवीएस: अप्रैल 2020 में, टीवीएस (TVS) ने नॉर्टन मोटरसाइकिल (Norton Motorcycles) का अधिग्रहण किया।

अन्य प्रमुख अधिग्रहण

इसके अलावा, वेलस्पन इंडिया (Welspun India) ने जुलाई 2006 में ब्रिटेन की सीएचटी होल्डिंग्स (CHT Holdings) में 85 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी, जो ग्रुप के लिए यूरोप के दरवाजे खोले।

भारती इंटरप्राइजेज द्वारा बीटी ग्रुप में हिस्सेदारी खरीदने का कदम भारतीय कंपनियों की वैश्विक व्यापार रणनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाता है। इससे न केवल भारती इंटरप्राइजेज की अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति बढ़ेगी, बल्कि यह भारतीय कंपनियों के लिए एक प्रेरणा भी बनेगा कि वे वैश्विक बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करें।

 

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