बांग्लादेश संकट का भारत पर आर्थिक असर, गारमेंट सेक्टर हुआ अनिश्चितता का शिकार

बांग्लादेश में चल रही राजनीतिक उठापटक का असर सिर्फ वहां तक ही सीमित नहीं रहा है। इसका आर्थिक प्रभाव अब भारत में भी दिखने लगा है।

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बांग्लादेश संकट का भारत पर आर्थिक असर, गारमेंट सेक्टर हुआ अनिश्चितता का शिकार

Anjali Singh

  • August 10, 2024 5:23 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: बांग्लादेश में चल रही राजनीतिक उठापटक का असर सिर्फ वहां तक ही सीमित नहीं रहा है। इसका आर्थिक प्रभाव अब भारत में भी दिखने लगा है। खासकर गारमेंट और निटेड सेक्टर को इस संकट से जूझना पड़ रहा है। शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात की पुष्टि की।

वित्त मंत्री की चेतावनी

10 अगस्त को रिजर्व बैंक के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने कहा कि बांग्लादेश की मौजूदा अस्थिरता के चलते भारत के गारमेंट और निटेड सेक्टर पर असर पड़ रहा है। इन सेक्टर्स को लेकर अनिश्चितता का माहौल बन गया है।

व्यापक असर के लिए अभी इंतजार करना होगा

हालांकि, वित्त मंत्री ने कहा कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि बांग्लादेश संकट का व्यापक असर भारत पर कितना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हम निम्न-आय वाले देशों से ड्यूटी और कोटा पर उदार रवैया अपनाते हैं, जिससे वे हमें अधिक निर्यात कर पाते हैं और हम उनसे आयात करते हैं। इस वजह से गारमेंट और निटेड सेक्टर पर कुछ असर हुआ है, लेकिन व्यापक असर का आकलन करने के लिए हमें और समय चाहिए।

बांग्लादेश में भारतीय कंपनियों का निवेश

वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि बांग्लादेश में भारतीय कंपनियों ने, खासकर तमिलनाडु की टेक्सटाइल कंपनियों ने काफी निवेश किया हुआ है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह निवेश सुरक्षित रहेगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति का भारत पर आर्थिक असर क्या होगा, यह कहना अभी मुश्किल है।

भारत को हो सकता है फायदा

रेटिंग एजेंसी केयरएज ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि बांग्लादेश की मौजूदा अस्थिरता भारतीय गारमेंट इंडस्ट्री के लिए नए अवसर ला सकती है। एजेंसी के अनुसार, भारतीय गारमेंट निर्माता इस स्थिति का लाभ उठाकर वैश्विक बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश संकट के चलते भारतीय गारमेंट निर्माताओं के लिए निकट भविष्य में 200-250 मिलियन डॉलर और मध्यम अवधि में 300-350 मिलियन डॉलर प्रति माह के निर्यात के अवसर बन सकते हैं।

बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर संकट का असर

पड़ोसी देश बांग्लादेश में शेख हसीना की अगुवाई वाली सरकार के तख्तापलट के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मोहम्मद युनूस की कार्यवाहक सरकार का गठन हुआ है। लेकिन देश में अभी भी अस्थिरता का माहौल है और स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है। इसका सीधा असर बांग्लादेश के उद्योगों पर, खासकर टेक्सटाइल सेक्टर पर पड़ सकता है, जो बांग्लादेश के कुल निर्यात का 80 फीसदी और जीडीपी का 15 फीसदी योगदान करता है।

बांग्लादेश में चल रही राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता का असर भारत पर भी पड़ रहा है, विशेषकर गारमेंट और निटेड सेक्टर में। हालांकि, इस संकट का फायदा उठाने के लिए भारतीय गारमेंट इंडस्ट्री के पास अच्छे मौके भी हैं। लेकिन यह देखना बाकी है कि आने वाले समय में इस संकट का व्यापक असर भारत और अन्य देशों पर कैसे पड़ता है।

 

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