चाय प्रेमियों के लिए बुरी खबर, कीमतों में आएगा उछाल देश के बड़े ब्रांड्स बढ़ा रहे हैं दाम

भारत में चाय का क्रेज किसी से छुपा नहीं है। लोग सुबह की शुरुआत हो या शाम की थकान मिटानी हो, एक कप चाय हमेशा साथ होती है।

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चाय प्रेमियों के लिए बुरी खबर, कीमतों में आएगा उछाल देश के बड़े ब्रांड्स बढ़ा रहे हैं दाम

Anjali Singh

  • September 6, 2024 4:27 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: भारत में चाय का क्रेज किसी से छुपा नहीं है। लोग सुबह की शुरुआत हो या शाम की थकान मिटानी हो, एक कप चाय हमेशा साथ होती है। लेकिन अब चाय की कीमतों में इजाफा होने वाला है। देश की दो बड़ी कंपनियां, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (TCPL), जल्द ही चाय के दाम बढ़ाने की तैयारी में हैं।

चाय की कीमतों में इजाफा क्यों?

एक रिपोर्ट के मुताबिक, चाय के घटते भंडार और बढ़ती लागत का असर इसकी कीमतों पर पड़ सकता है। इससे सुपरमार्केट में मिलने वाली चाय के दाम में इजाफा हो सकता है, और आपको अपनी पसंदीदा चाय खरीदने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं।

HUL के प्रवक्ता ने इस बात को स्वीकार किया है कि इस सीजन में चाय की लागत में बढ़ोतरी हुई है, और इसका सीधा असर चाय के खरीद मूल्य पर देखा जा सकता है। चाय एक कमोडिटी लिंक्ड प्रोडक्ट है, इसलिए कंपनी के लिए इसकी कीमतों को मॉनिटर करना ज़रूरी हो गया है। कंपनी ने यह भी कहा कि वे अपने ग्राहकों और मुनाफे दोनों को ध्यान में रखकर फैसला करेंगे।

चाय के व्यापार में बड़ा योगदान

HUL और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स जैसी FMCG कंपनियों के लिए चाय का कारोबार बहुत महत्वपूर्ण है। HUL की कमाई का लगभग 25% हिस्सा चाय से आता है, जबकि टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के बेवरेज बिजनेस का 58% हिस्सा चाय से ही आता है। हालांकि, ये कंपनियां अपनी चाय की बिक्री के बारे में अलग-अलग आंकड़े नहीं देतीं, जिससे चाय के बिजनेस पर होने वाले असर का अनुमान लगाना मुश्किल हो जाता है।

उत्पादन में गिरावट

असम और पश्चिम बंगाल, जो देश के सबसे बड़े चाय उत्पादक राज्य हैं, वहां चाय के उत्पादन में कमी आई है। जनवरी से जुलाई तक के आंकड़ों के अनुसार, देश में कुल चाय उत्पादन में 13% की गिरावट आई है, जिससे यह 5.53 लाख टन पर आ गया है। इस गिरावट का असर अब चाय की कीमतों पर देखा जा सकता है।

उत्तर भारत में चाय की नीलामी कीमतों में 21% और दक्षिण भारत में 12% की बढ़ोतरी हुई है। टाटा और HUL जैसी कंपनियों ने भी अपनी चाय खरीदने की मात्रा में कटौती की है और अब वे सीधे खेतों से चाय खरीदने को प्राथमिकता दे रही हैं।

दाम बढ़ाने की मजबूरी

चाय की घटती आपूर्ति और बढ़ती लागत के कारण, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स को चाय खरीदने के लिए 23% ज्यादा और HUL को 45% ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है। ऐसे में इन कंपनियों के लिए चाय की कीमतों में इजाफा करना जरूरी हो गया है ताकि वे अपने मुनाफे को बनाए रख सकें। एक्सपर्ट्स का मानना है कि 1 से 3% की बढ़ोतरी से ग्राहकों को ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन इससे ज्यादा की बढ़ोतरी से चाय की मांग पर असर पड़ सकता है।

कुल मिलाकर, चाय की कीमतों में आने वाले इस उछाल का सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा। अब यह देखना होगा कि ये कंपनियां कैसे अपने मुनाफे और ग्राहकों के बीच संतुलन बनाती हैं।

 

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