नई दिल्ली। बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने 830 करोड़ रुपये के साथ डिफेंस सेंट्रिक सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी रोल्टा इंडिया को खरीदने के लिए ऑफर दिया था। लेकिन जानकारी के अनुसार, पुणे की एक कंपनी अशदान प्रॉपर्टीज(Ashdan Properties) ने 850 करोड़ रुपये का ऑफर देकर पतंजलि को इस मामले में पीछे छोड़ दिया […]
नई दिल्ली। बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने 830 करोड़ रुपये के साथ डिफेंस सेंट्रिक सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी रोल्टा इंडिया को खरीदने के लिए ऑफर दिया था। लेकिन जानकारी के अनुसार, पुणे की एक कंपनी अशदान प्रॉपर्टीज(Ashdan Properties) ने 850 करोड़ रुपये का ऑफर देकर पतंजलि को इस मामले में पीछे छोड़ दिया है। ऐसे में यह कंपनी रोल्टा इंडिया को खरीदने की होड़ में सबसे आगे हो गई है।
वहीं पतंजलि और अशदान के अलावा एमजीएन एग्रो प्रॉपर्टीज भी इस रेस में शामिल थी। सूत्रों की मानें तो अशदान प्रॉपर्टीज की बोली मिलने के बाद लेनदारों की समिति (CoC) ने ये निर्णय किया की एक और दौर की बोली नहीं लगाई जाएगी।
इस मामले में एक सूत्र का कहना है कि अशदान ने फरवरी में एनसीएलटी के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें नए बोलीदाताओं को एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जमा करने के लिए समय दिया गया था। वहीं जब एनसीएलएटी में इसकी सुनवाई चल रही थी तब अशदान ने ऑफर बढ़ा दिया था। जिसके बाद सीओसी ने अदालत में एक हलफनामा दायर किया जिसमें ये कहा गया कि समय की बचत के लिए किसी भी नई योजना पर विचार नहीं किया जाएगा। इस हफ्ते अशदान के ऑफर पर वोटिंग की जाएगी। वहीं रिज़ॉल्यूशन प्रोफेशनल ममता बिनानी ने टिप्पणी के लिए ईमेल का जवाब नहीं दिया। अशदान की बोली से सभी लेनदारों के लिए केवल 6 प्रतिशत वसूली और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में सिक्योर्ड क्रेडिटर्स के लिए 12 प्रतिशत वसूली हुई।
दरअसल, फरवरी माह में एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने लेनदारों को रोल्टा के लिए फिर से बोली लगाने की मंजूरी दी थी। ऐसा इसलिए क्योंकि बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने बोली जमा करने की समयसीमा समाप्त होने के बाद ऑफर देने के लिए याचिका दी थी। जिस पर अनुमति मिल जाने के बाद वेलस्पन ग्रुप की एमजीएन एग्रो प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड और मुंबई की बी-राइट रियल एस्टेट को भी बोली लगाने की मंजूरी मिली। जिसके बाद पतंजलि ने जनवरी के आखिरी में 830 करोड़ रुपये का नकद प्रस्ताव दिया। जबकि, अशदान(Ashdan Properties) की 760 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, जिसे अशदान ने चुनौती दी। इसके बाद सीओसी ने 7 मार्च को बैठक की और अशदान के साथ बातचीत के बाद यह फैसला किया कि एक और दौर की बोली नहीं कराई जाएगी।
बता दें कि कमल सिंह द्वारा प्रमोटेड रोल्टा इंडिया एक रक्षा-केंद्रित सॉफ्टवेयर कंपनी है जिसे जनवरी 2023 में दिवालियापन प्रक्रिया के लिए स्वीकार कर लिया गया था। इस पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों का 7100 करोड़ रुपये और सिटीग्रुप के नेतृत्व में असुरक्षित विदेशी बॉन्ड धारकों का 6699 करोड़ रुपये का बकाया भी है। यही नहीं इस पर कुल करीब 14,000 करोड़ रुपये का कर्ज भी है। हालांकि, कंपनी का सॉफ्टवेयर बिजनेस बहुत बड़ा नहीं है लेकिन उसके पास मुंबई के एसईईपीजेड क्षेत्र में तीन इमारतें, कोलकाता में एक जमीन और मुंबई में कुछ फ्लैट मौजूद हैं।