एंजेल टैक्स: मनमोहन सरकार का फैसला और मोदी सरकार की नई दिशा

2024 के बजट में 'एंजेल टैक्स' को खत्म करने की घोषणा की है। यह कदम स्टार्टअप्स और निवेशकों के लिए बड़ा तोहफा है और इसका उद्देश्य देश

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एंजेल टैक्स: मनमोहन सरकार का फैसला और मोदी सरकार की नई दिशा

Anjali Singh

  • July 23, 2024 8:30 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

Budget 2024 Angel Tax: 2024 के बजट में ‘एंजेल टैक्स’ को खत्म करने की घोषणा की है। यह कदम स्टार्टअप्स और निवेशकों के लिए बड़ा तोहफा है और इसका उद्देश्य देश में इनोवेशन और स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देना है।

एंजेल टैक्स क्या था?

एंजेल टैक्स एक प्रकार का टैक्स है जो गैर-सूचीबद्ध कंपनियों पर लगता है जब वे निवेशकों को शेयर जारी करके पैसा जुटाती हैं। यह टैक्स उन शेयरों के प्रीमियम पर लगता है जो उनके वास्तविक मूल्य से अधिक होता है। इसे ‘अन्य स्रोतों से आय’ के रूप में माना जाता है और उस पर टैक्स लगाया जाता है।

एंजेल टैक्स का उद्देश्य

2012 में, मनमोहन सिंह सरकार ने एंजेल टैक्स को लागू किया था। इसका मुख्य उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग और काले धन के प्रवाह को रोकना था। लेकिन, यह स्टार्टअप्स और निवेशकों के बीच विवाद का कारण बना, क्योंकि इससे इनोवेशन और फंडिंग में बाधा आ रही थी।

एंजेल टैक्स की समाप्ति

मोदी सरकार ने एंजेल टैक्स को समाप्त करने का फैसला लिया है, जिससे स्टार्टअप्स और निवेशकों को राहत मिलेगी। इस कदम से स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूती मिलेगी और देश में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

2012 का एंजेल टैक्स कानून

2012 में वित्त अधिनियम के तहत धारा 56(2)(viib) जोड़ी गई, जो गैर-सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा प्राप्त निवेश को टारगेट करती थी। इस धारा के तहत, शेयरों की उचित बाजार मूल्य से अधिक मूल्य वाले निवेश को आय माना जाता था और उस पर टैक्स लगाया जाता था।

सरकार का मानना है कि एंजेल टैक्स को समाप्त करने से स्टार्टअप्स को बेहतर समर्थन मिलेगा और निवेश का वातावरण अनुकूल होगा।

 

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