September 19, 2024
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Google: अमेरिका की अदालत ने गूगल सर्च इंजन पर दिया बड़ा फैसला, कंपनियों के कारोबार पर भी पड़ेगा असर

  • WRITTEN BY: Aprajita Anand
  • LAST UPDATED : August 6, 2024, 11:06 am IST

नई दिल्ली: अमेरिका की अदालत ने गूगल सर्च इंजन पर बड़ा फैसला सुनाया है. अब इस फैसले के बाद कई टेक्नोलॉजी कंपनियों के कारोबार करने के तरीके पर भी तगड़ा असर पड़ सकता है. अमेरिकी अदालत के एक जज ने गूगल को मेगापोलिस्ट कहा है. कोर्ट के मुताबिक, गूगल ने ऑनलाइन सर्च और विज्ञापन पर मोनोपोली बनाने के लिए गैरकानूनी काम किया है.

Google के वकीलों ने क्या कहा?

गूगल के वकील जॉन श्मिटलीन ने साल की शुरुआत में मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि गूगल इस मामले में जीत रहा है क्योंकि गूगल बेहतर है. कोर्ट के इस फैसले पर गूगल की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. गूगल के खिलाफ विज्ञापन तकनीक से जुड़ा एक मामला भी है, जिसकी सुनवाई इसी साल सितंबर में होनी है. न्याय विभाग ने 2020 में 90% ऑनलाइन सर्च मार्केट को नियंत्रित करने के लिए Google के खिलाफ मुकदमा दायर किया. (federal anti-competition regulators) ने गूगल के साथ-साथ कई तकनीकी कंपनियों पर अवैध मोनोपोली संचालित करने का आरोप लगाया था. इस मामले की सुनवाई करते हुए अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज अमित मेहता ने कहा कि गूगल ने स्मार्टफोन और ब्राउजर पर डिफॉल्ट सर्च इंजन बने रहने के लिए गैरकानूनी काम किया है और इसके लिए गूगल ने कई अरब डॉलर का भुगतान भी किया है.

कंपनियों के कारोबार करने के तरीके में बदलाव

सोमवार को आया ये फैसला कई टेक कंपनियों के लिए भूचाल बनकर आया है. इस फैसले के बाद कई बड़ी टेक कंपनियों के कारोबार करने के तरीके में बदलाव देखने को मिल सकता है. अमेरिकी कोर्ट के जज अमित मेहता के 277 पेज के इस फैसले में सबसे बड़ी बात जो सामने आई है वो ये कि कोर्ट का मानना ​​है कि गूगल एकाधिकारवादी है. Google ने अवैध रूप से काम किया है और अपना एकाधिकार बनाए रखने के लिए अरबों डॉलर खर्च किए हैं।

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