नई दिल्ली: कुछ साल पहले भारी कर्ज के बोझ से दबी सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया को टाटा ग्रुप ने खरीद लिया था. इसके बाद से एयर इंडिया की किस्मत पलट गई और अब यह एयरलाइन सफलता की कहानी लिखने की ओर तेजी से आगे बढ़ रही है. एयर इंडिया का घाटा तेजी से कम हो […]
नई दिल्ली: कुछ साल पहले भारी कर्ज के बोझ से दबी सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया को टाटा ग्रुप ने खरीद लिया था. इसके बाद से एयर इंडिया की किस्मत पलट गई और अब यह एयरलाइन सफलता की कहानी लिखने की ओर तेजी से आगे बढ़ रही है. एयर इंडिया का घाटा तेजी से कम हो रहा है. टाटा ग्रुप की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024 में एयर इंडिया का राजस्व 24% उछलकर 51,365 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. पिछले वित्तीय वर्ष में ही एयरलाइन ने अब तक का सबसे ज्यादा रेवेन्यू कमाया है. अगर एयर इंडिया इसी राह पर चलती रही तो वह दिन दूर नहीं जब वह देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो को टक्कर देने लगेगी।
सरकार ने साल 2022 में एयर इंडिया का निजीकरण कर दिया था. इसके साथ ही एयर इंडिया की घर वापसी हो गई। इस एयरलाइन की शुरुआत टाटा ग्रुप ने ही की थी, लेकिन बाद में सरकार ने इसे अपने हाथों में ले लिया. टाटा ग्रुप की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024 में एयर इंडिया का घाटा कम होकर 4,444 करोड़ रुपये हो गया है. एक साल पहले यह आंकड़ा 11,388 करोड़ रुपये था. विस्तारा ब्रांड के तहत परिचालन करने वाली टाटा एसआईए एयरलाइंस का कारोबार इसी अवधि में 29 प्रतिशत बढ़कर 15,191 करोड़ रुपये हो गया है। इसका घाटा भी 1,394 करोड़ रुपये से घटकर 581 करोड़ रुपये हो गया है.
इस वित्तीय वर्ष में टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया और विस्तारा का विलय करने का फैसला किया है। यह विलय दिसंबर 2024 तक पूरा होना है. नवंबर में विस्तारा अपनी आखिरी उड़ान भरेगी और उसके बाद अपने विमान और स्टाफ को एयर इंडिया को सौंप देगी। इससे एयर इंडिया को अधिक विमान और रूट मिलेंगे. रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2024 में एयर इंडिया की क्षमता 105 बिलियन उपलब्ध सीट किमी (एएसकेएम) तक पहुंच गई है. इसके अलावा, यात्री भार कारक भी बढ़कर 85% हो गया है. पिछले वित्त वर्ष में एयर इंडिया, विस्तारा, एयर इंडिया एक्सप्रेस और AIX कनेक्ट ने टाटा ग्रुप की ग्रोथ में अहम योगदान दिया है.
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