भारत में पेट्रोल के बाद अब डीजल में भी इथेनॉल मिलाने की योजना पर काम हो रहा है। खबरों के अनुसार, केंद्र सरकार जल्द ही डीजल में 5 फीसदी
नई दिल्ली: भारत में पेट्रोल के बाद अब डीजल में भी इथेनॉल मिलाने की योजना पर काम हो रहा है। खबरों के अनुसार, केंद्र सरकार जल्द ही डीजल में 5 फीसदी इथेनॉल मिलाने की तैयारी कर रही है। इस नई योजना के अमल में आने से डीजल को भी पेट्रोल की तरह इथेनॉल के साथ ब्लेंड किया जा सकेगा, जिससे कई फायदे होने की उम्मीद है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल मिलाने का जो लक्ष्य तय किया था, वह अगले दो साल में हासिल कर लिया जाएगा। इसी सफलता के बाद अब सरकार की नजरें डीजल पर टिकी हैं, जहां इथेनॉल मिलाने से ईंधन की गुणवत्ता में सुधार होगा और प्रदूषण में कमी आएगी।
हाल ही में प्रधानमंत्री कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान, सरकार को डीजल में 5 फीसदी इथेनॉल मिलाने का प्रस्ताव मिला। इस बैठक में सभी संबंधित मंत्रालयों के अधिकारी मौजूद थे। अब इस प्रस्ताव का मूल्यांकन किया जा रहा है, और सरकार जल्द ही इस पर फैसला लेगी।
सरकार इथेनॉल को पेट्रोल और डीजल में मिलाने से दो बड़े फायदे देख रही है। पहला, इससे पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचेगा क्योंकि प्रदूषण कम होगा। दूसरा, डीजल और पेट्रोल की खपत में कमी आने से कच्चे तेल के आयात पर देश की निर्भरता भी घटेगी।
सरकार ने इथेनॉल ब्लेंडिंग प्रोग्राम के तहत इथेनॉल के उत्पादन को प्रोत्साहित किया है। इसके चलते, इथेनॉल का उत्पादन देशभर में तेजी से बढ़ा है। अब, डीजल में इथेनॉल मिलाने से इसकी खपत और भी बढ़ेगी, जिससे इथेनॉल उत्पादकों को भी फायदा होगा।
यह योजना देश में इंधन की खपत के तरीकों में बड़ा बदलाव ला सकती है। अगर सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो डीजल के उपयोग में इथेनॉल का मिलावट एक बड़ा कदम साबित होगा। अब देखना होगा कि सरकार इस प्रस्ताव को कब और कैसे लागू करती है, और इसके बाद क्या असर पड़ता है।
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