Gautam Adani: भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी का सपना है कि उनका कारोबार पूरी दुनिया में फैले। इसी दिशा में एक और कदम उठाते हुए, वह वियतनाम में एक आधुनिक बंदरगाह बनाने की योजना बना रहे हैं। अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड की इस परियोजना को वियतनामी सरकार से दा नांग में ग्रीनफील्ड डेवलपमेंट के लिए ‘सैद्धांतिक मंजूरी’ मिल चुकी है। यह जानकारी कंपनी के एमडी करण अडानी ने दी है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रोजेक्ट अभी शुरुआती चरण में है और इसमें विभिन्न प्रकार के कार्गो को संभालने के लिए कंटेनर टर्मिनल और मल्टीपर्पस बर्थ शामिल होंगे। इस परियोजना में निवेश का विवरण अभी तय नहीं किया गया है।
वियतनाम में यह नया बंदरगाह अडानी समूह का चौथा अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह होगा। इससे पहले समूह ने हाइफाइ (इजरायल), कोलंबो (श्रीलंका) और डार एस सलाम (तंजानिया) में बंदरगाह स्थापित किए हैं। पिछले शुक्रवार को दक्षिण भारत में अडानी के नए मेगा पोर्ट ने अपने पहले मदर शिप का स्वागत किया। यह दिखाता है कि कंपनी अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार में अपनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में कितनी तेजी से बढ़ रही है। यह ऐसा क्षेत्र है जिस पर फिलहाल चीन का दबदबा है।
अडानी के बेटे करण ने कहा, “हमारा निशाना भारत को एक समुद्री केंद्र के रूप में स्थापित करना है। हम उन देशों पर ध्यान अच्छे से दे रहे हैं जहां बड़े स्तर पर उत्पादन होता है या बहुत बड़ी आबादी है, जिससे खपत ज्यादा होती है। हमारा निशाना इन क्षेत्रों में एक्सपोर्ट की मात्रा को बढ़ाना है।”
अडानी पोर्ट्स भारत की सबसे बड़ी पोर्ट ऑपरेटर कंपनी है और फिलहाल अपने कुल कारोबार का लगभग 5% अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों से प्राप्त करती है। कंपनी का लक्ष्य है कि 2030 तक इस आंकड़े को दोगुना करके 10% तक पहुंचाया जाए। कंपनी मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया, पूर्वी अफ्रीका, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, वियतनाम और कंबोडिया में अवसर तलाश रही है। ये वो क्षेत्र हैं जो भारत के व्यापार के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं।
अडानी दक्षिण भारत के विजिंजम बंदरगाह में भी अपना निवेश बढ़ा रहे हैं। उन्होंने इसके विस्तार और दुनिया के कुछ सबसे बड़े जहाजों को आकर्षित करने के लिए $2.4 अरब (करीब 20 हजार करोड़ रुपये) का निवेश करने का वादा किया है। करण अडानी ने इससे पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि उनकी योजना 2028 तक विजिंजम अंतरराष्ट्रीय ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल में $2.4 अरब का निवेश करने की है। उनका लक्ष्य बंदरगाह की क्षमता को पांच गुना बढ़ाकर 50 लाख TEU तक पहुंचाना है, जो 30 लाख TEU की शुरुआती योजना से कहीं ज्यादा है। अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार क्षेत्र में चीन से बेहतर प्रतिस्पर्धा करने के लिए अडानी ने विस्तार की समयसीमा को 2045 से घटाकर 2028 कर दिया है।
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