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सुब्रमण्यन के एक बयान से युवाओं में मची खलबली, कमेंट में बोले- हॉलिडे का नाम बदल दो

सुब्रमण्यम ने एक वायरल वीडियो में कहा कि अगर भारत को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनना है तो कर्मचारियों को हफ़्ते में 90 घंटे तक काम करना चाहिए। उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि उसकी कार्य नीति ने उन्हें आर्थिक रूप से अमेरिका को चुनौती देने में सक्षम बनाया।

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SN Subrahmanyan
  • January 10, 2025 9:06 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 hours ago

नई दिल्ली : भारत तेजी से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर आगे बढ़ रहा है। इसके लिए उत्पादकता में तेजी लाना और कार्य संस्कृति में बदलाव लाना बहुत जरूरी है। हाल ही में लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यन के एक बयान ने वर्क लाइफ बैलेंस और लॉन्ग टाइम समय तक काम करने के मुद्दे पर नई बहस छेड़ दी है।

90 घंटे तक काम करें

सुब्रमण्यम ने एक वायरल वीडियो में कहा कि अगर भारत को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनना है तो कर्मचारियों को हफ़्ते में 90 घंटे तक काम करना चाहिए। उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि उसकी कार्य नीति ने उन्हें आर्थिक रूप से अमेरिका को चुनौती देने में सक्षम बनाया। उन्होंने सवाल उठाया, “आप घर पर क्या करते हैं? आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक घूर सकते हैं?” उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर एक नई बहस छेड़ दी है।

नेटिजन्स ने किया रिएक्शन

सुब्रमण्यम के इस बयान पर इंडस्ट्री और आम लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ आई हैं। आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने चुटकी लेते हुए कहा, “रविवार का नाम बदलकर ‘सन-ड्यूटी’ कर देना चाहिए और ‘हॉलिडे’ को एक पौराणिक अवधारणा बना देना चाहिए।” सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने उनके इस बयान को मानसिक स्वास्थ्य और परिवार के महत्व को नकारना बताया।

अरबपति की राय

इससे पहले इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने भी हफ़्ते में 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा कि देश के विकास के लिए यह ज़रूरी है। वहीं, अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने चुटकी लेते हुए कहा कि वर्क लाइफ़ बैलेंस व्यक्तिगत पसंद का मामला है। उन्होंने कहा, “अगर कोई 8 घंटे परिवार के साथ बिताता है और खुश रहता है, तो यह उसका संतुलन है।”

वर्क लाइफ बैलेंस पर छिड़ी बहस

यह बहस इस बात पर प्रकाश डालती है कि आर्थिक विकास और कर्मचारियों की भलाई के बीच संतुलन बनाना कितना महत्वपूर्ण है। बेशक, लंबे समय तक काम करने से उत्पादन बढ़ सकता है, लेकिन मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

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