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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ बम, 2 अप्रैल से विदेशी कारों पर 25% टैरिफ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में घोषणा की है कि उनकी सरकार जल्द ही ऑटोमोबाइल सेक्टर को लेकर एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। उन्होंने कहा, "हम ऑटोमोबाइल पर काम कर रहे हैं, जिसकी घोषणा अगले कुछ दिनों में की जाएगी।

inkhbar News
  • March 27, 2025 10:42 am Asia/KolkataIST, Updated 4 days ago

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर टैरिफ बम फोड़ दिया है। ट्रंप ने एलान किया है की अमेरिका में बिकने वाली सभी विदेशी कारों पर 25 फीसदी का टैरिफ लगाया जाएगा। 2 अप्रैल से यह टैरिफ लागू हो जाएगा। बुधवार को हुए एक कार्यक्रम में ट्रंप ने कहा कि यह कदम घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देगा और इससे अमेरिका में नयी नौकरियां पैदा होंगी। सबसे बड़ी बात ये कि US President ने अपने बयान में ये भी स्पष्ट कर दिया है कि ये कोई अस्थायी फैसला नहीं है, बल्कि स्थायी है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में घोषणा की है कि उनकी सरकार जल्द ही ऑटोमोबाइल सेक्टर को लेकर एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। उन्होंने कहा, “हम ऑटोमोबाइल पर काम कर रहे हैं, जिसकी घोषणा अगले कुछ दिनों में की जाएगी।” ट्रंप के सहयोगियों के अनुसार, इस टैरिफ नीति का उद्देश्य अमेरिका में विदेशी कारों की बिक्री को कठिन बनाना है, जिससे अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को अमेरिका में अपने उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इसका सीधा लाभ अमेरिकी रोजगार बाजार को मिलेगा।

अमेरिकी ऑटो कंपनियों पर प्रभाव

ट्रंप के बयान के बाद अमेरिकी ऑटो उद्योग में हलचल मच गई। बुधवार को उनके इस ऐलान के बाद जनरल मोटर्स (GM) के शेयरों में 1.7% की गिरावट आई, जबकि फोर्ड के शेयर 1.2% नीचे आ गए। वहीं, जीप और क्रिसलर ब्रांड की मालिक कंपनी स्टेलेंटिस को भी 2% का नुकसान झेलना पड़ा।

विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी ऑटो कंपनियां भी कई पुर्जे और कच्चा माल अन्य देशों से आयात करती हैं। यदि नए टैरिफ लागू किए जाते हैं, तो उनके लिए यह खरीद महंगी हो जाएगी, जिससे कारों की लागत बढ़ेगी और बाजार में उनकी कीमतें बढ़ सकती हैं। यह नीति वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर निर्भर ऑटो कंपनियों के लिए वित्तीय दबाव भी बढ़ा सकती है।

अमेरिकी कंपनियों के सामने चुनौतियां

अमेरिकी वाहन निर्माता कंपनियों की एक बड़ी चुनौती यह भी है कि उन्होंने अपने कई उत्पादन केंद्र कनाडा, मैक्सिको और अन्य देशों में स्थापित कर रखे हैं। वे इन देशों में निर्मित गाड़ियों को अमेरिका लाकर “मेड इन अमेरिका” टैग के साथ वैश्विक बाजार में बेचती हैं। लेकिन ट्रंप की नई नीति के तहत, इन वाहनों पर भी 25% अतिरिक्त शुल्क लग सकता है।

अगर कंपनियां इन विदेशी प्लांट्स को बंद कर अमेरिका में नए उत्पादन केंद्र खोलती हैं, तो इसमें काफी समय और निवेश लगेगा, इससे अमेरिकी गाड़ियों की बिक्री पर खासा असर पड़ सकता है।

ट्रंप की व्यापार नीतियां और टैरिफ का दायरा

इससे पहले, ट्रंप ने चीन से सभी आयातों पर 20% आयात शुल्क लगाया था और मैक्सिको व कनाडा से आने वाले उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाया। इसके अलावा, उन्होंने स्टील और एल्युमीनियम पर 25% आयात कर लागू किया, जिससे इन धातुओं पर 2018 में दिए गए शुल्क में छूट समाप्त कर दी गई। ट्रंप अब कंप्यूटर चिप्स, फार्मास्युटिकल ड्रग्स, लकड़ी और तांबे पर भी टैरिफ लगाने की योजना बना रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति अमेरिका में उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बनाई जा रही है, लेकिन यह वैश्विक व्यापार पर गहरा प्रभाव डाल सकती है।

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