GST Hike from 1st January: नई दिल्ली. GST Hike from 1st January: नए साल में ग्राहकों को दोहरी महंगाई की मार झेलनी पड़ सकती है. एक ओर जहाँ जीएसटी काउंसिल ने ओला उबर पर जीएसटी लगा दिया है, वहीं दूसरी ओर अब चप्पलों और रेडीमेड कपड़ों पर भी जीएसटी बढ़ा दिया गया है. जीएसटी काउंसिल […]
नई दिल्ली. GST Hike from 1st January: नए साल में ग्राहकों को दोहरी महंगाई की मार झेलनी पड़ सकती है. एक ओर जहाँ जीएसटी काउंसिल ने ओला उबर पर जीएसटी लगा दिया है, वहीं दूसरी ओर अब चप्पलों और रेडीमेड कपड़ों पर भी जीएसटी बढ़ा दिया गया है. जीएसटी काउंसिल के इस फैसले के खिलाफ अब छोटे व्यापारियों ने विरोध करना शुरू कर दिया है.
जीएसटी काउंसिल ने अब रेडीमेड कपड़ों और चप्पलों पर 5% की बजाय 12% जीएसटी लगाने का फैसला किया है. यह फैसला 1 जनवरी से लागू होगा. अब जीएसटी काउंसिल ने इस नए जीएसटी रेट से छोटे व्यापारी नाखुश हैं. उनका कहना हैं कि वो जिस तबके के लिए सामान बनाते हैं उसे बहुत ही कम पैसों में बेचा जाता है, ऐसे में 12% जीएसटी के लगाए जाने से उनकी लागत बढ़ेगी और सामान के दाम भी बढ़ेंगे, जिससे उनकी बिक्री कम हो सकती है.
जीएसटी बढ़ाए जाने पर ट्रेडर्स एसोसिएशन ने सरकार को पत्र लिख पुराने जीएसटी रेट 5% को ही बरकरार रखने की मांग की है. ट्रेडर्स एसोसिएशन का कहना है कि कोरोना काल ने बड़ी चोट छोटे व्यापारियों की जेब पर की है, ऐसे में अब जीएसटी के बढ़ाए जाने से वो इस घाटे से नहीं उभर पाएंगे. इसी क्रम में तेलंगाना के कॉमर्स मंत्री और पश्चिम बंगाल के वित्त सलाहकार अमित मित्रा ने भी सरकार को पत्र लिख जीएसटी के रेट घटाए जाने की मांग की है.
जीएसटी काउंसिल ने अब ओला उबर और ओला ऑटो पर भी जीएसटी लगाने का फैसला किया है. इससे पहले सिर्फ रेडियो टैक्सी यानी की ऑफलाइन टैक्सी ही जीएसटी के दायरे में आती थी. लेकिन, अब ओला और उबर पर भी जीएसटी लगाया जाएगा. जीएसटी काउंसिल का कहना है कि ऐप्स से ओला, उबर और ऑटो बुक करने वाले यात्री प्रीमियम कैटेगरी में आते हैं. इसलिए,जीएसटी काउंसिल ने ऐप्स बेस्ड टैक्सी पर 5% जीएसटी लागू कर दिया है. हालांकि, सामन्य ऑटो को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है. लेकिन, ऑनलाइन ऑटो के दाम बढ़ने पर अब ऑफलाइन ऑटो के दाम बढ़ना स्वाभाविक है.