नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज कुछ देर बाद संसद में आम बजट पेश करने वाली है। इस बजट का इंतजार हर कोई कर रहा है और दुनियाभर में मचे आर्थिक तंगी के शोर और छंटनी के दौर में अलग-अलग वर्ग के लोग वित्त मंत्री से अलग-अलग तरह की उम्मीदें लगा रहे है। माना […]
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज कुछ देर बाद संसद में आम बजट पेश करने वाली है। इस बजट का इंतजार हर कोई कर रहा है और दुनियाभर में मचे आर्थिक तंगी के शोर और छंटनी के दौर में अलग-अलग वर्ग के लोग वित्त मंत्री से अलग-अलग तरह की उम्मीदें लगा रहे है। माना यही जा रहा है कि वित्त मंत्री बजट में लोकलुभावन घोषणाएं करेंगी। हम आज पेश होने वाले बजट से कुछ अलग जानकारी देंगे। हम आपको बजट से जुड़ी कुछ ऐसी बातें सांझा करेंगे , जिनके बारे में आपने शायद ही अभी तकपढ़ा हो।
वैसे तो आजाद भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 में पेश हुआ था। हालांकि ,अगर बात करे भारत के पहले बजट की तो इसकी शुरुआत ब्रिटिश काल में ही हो गई थी। भारत का पहला बजट 7 अप्रैल 1860 को पेश हुआ था , जोकि ब्रिटेन में पास हुआ था। बता दें ,तब इसे फाइनेंस मेंबर जेम्स विल्सन ने पेश किया था।
आजाद भारत में अभी तक एक ही ऐसे वित्त मंत्री हुए हैं जो बजट पेश नहीं कर पाई थी और वो वित्त मंत्री केसी नियोगी थे। वह अकेले ऐसे शख्स रहे , जोकि वित्त मंत्री तो रहे लेकिन कभी बजट पेश नहीं कर पाए। जानकारी के मुताबिक ,1948 में वह महज 35 दिनों के लिए वित्त मंत्री के पद पर रहे थे।
उनके बाद जॉन मथाई को भारत का तीसरे वित्त मंत्री बना दिया गया था। इसके बाद उन्होंने ही बजट पेश किया था।
ये जानकर हैरानी होगी कि आजाद भारत में सबसे अधिक बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड मोरारजी देसाई के नाम है। मोरारजी देसाई ने वित्त मंत्री के रूप में दस बार देश का बजट पेश कर चुके है। इसमें आठ आम बजट थे और दो अंतरिम बजट शामिल थे।
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