नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट सत्र के दौरान इकोनॉमिक सर्वे पेश किया. सर्वे में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी का ग्रोथ रेट 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है. यह पिछले तीन साल में सबसे धीमी ग्रोथ रेट होगी. वहीं अगर हम नॉमिनल […]
नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट सत्र के दौरान इकोनॉमिक सर्वे पेश किया. सर्वे में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी का ग्रोथ रेट 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है. यह पिछले तीन साल में सबसे धीमी ग्रोथ रेट होगी. वहीं अगर हम नॉमिनल की बात करे तो जीडीपी का अनुमान 11 प्रतिशत लगाया गया है.
सर्वे में बताया गया है कि भारत विश्व में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा. सर्वे के मुताबिक पर्चेंजिंग पावर पैरिटी के मामले में भारत विश्व का तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और वहीं एक्सचेंज रेट के मामले में 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था है. सर्वे में भारत का जीडीपी अनुमान, मंहगाई दर अनुमान और विदेशी मुद्रा भंडार की जानकारी शामिल होती है.
जीडीपी इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रेक करने के लिए उपयोग किया जाता है. जीडीपी देश के अंदर एक स्पेसिफिक टाइम पीरियड में प्रोड्यूस सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को रिप्रजेंट करती है. इसमें देश के अंदर रहकर जो भी विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती है, उन्हें भी सम्मिलित किया जाता है.
1. CEA अनंत नागेश्वरन ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था अब बेहतर प्रदर्शन करेगी.
2. भारत अब महामारी से उबर चुकी है, अब हमको आगे बढ़ना होगा.
3.बैंकों की बैलेंस शीट में सुधार हो रहा है, गैर बैंकिंग क्षेत्र में भी अब हेल्दी बैलेंस शीट है.
4. भारत में बेरोजगारी दर कम हुई है, 2019 में 8.3 प्रतिशत बेरोजगारी थी वहीं 2022 में बेरोजगारी दर घटकर 7.2 प्रतिशत हो गई.
5. भारत ने शिक्षा पर खर्च बढ़ाया है. वहीं स्वास्थ्य पर खर्च लगभग दोगुना हो गया है.
क्या कहता है इकोनॉमिक सर्वे
भारत में अधिकांश जनसंख्या मिडिल क्लास की है. मीडिल क्लास के घरों में एक डायरी बनाई जाती है और इस डायरी में पूरा हिसाब रखा जाता है कि किस चीज पर कितना खर्च हुआ. पूरे महीने के बाद देखा जाता है कि कहां पर कितना पैसा खर्च हुआ.हमारे घर की घरेलू डायरी की तरह ही इकोनॉमिक सर्वे होता है, इससे पता चलता है कि देश की अर्थव्यवस्था की हालत कैसी है. इकोनॉमिक सर्वे में पिछले साल का हिसाब-किताब होता और आने वाले साल के लिए सुझाव दिया जाता है. इकोनॉमिक सर्वे बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता है.