नई दिल्ली : वित्ति मंत्री निर्मला सीतारमण के संसद में बजट पेश करने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसे दुखद बजट बताया तो वहीं समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव ने इसे चुनावी बजट करार दिया. मायावती ने बजट पर ट्वीट के जरिए अपनी बात कही. ट्वीट में उन्होंने कहा इसमें कुछ भी नया […]
नई दिल्ली : वित्ति मंत्री निर्मला सीतारमण के संसद में बजट पेश करने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसे दुखद बजट बताया तो वहीं समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव ने इसे चुनावी बजट करार दिया. मायावती ने बजट पर ट्वीट के जरिए अपनी बात कही. ट्वीट में उन्होंने कहा इसमें कुछ भी नया नहीं है. बजट में दावों, वादों और उम्मीदों की बरसात की जारी रही लेकिन उसको जमीन पर सरकार नहीं उतार पाती है. मीडिल क्लास मंहगाई, गरीबी और बेरोजगारी की मार के कारण लोवर मीडिल क्लास बन गया है.
समाजवादी पार्टी की नेता और मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव ने कहा कि यह बजट चुनाव को ध्यान में रखकर पेश किया गया है. मीडिल क्लास को थोड़ी राहत मिली है लेकिन वे भी आटे में चुटकी भर नमक के बराबर. सरकार ने किसानों और नौजवानों को नजरअंदाज किया है. इसी के साथ रेलवे को भी कुछ नहीं मिला. इस बजट में किसानों के लिए कुछ भी नहीं है, किसानों के लिए एमएसपी की बात नहीं की गई है. भारत की आधी से अधिक आबादी गांव में रहती है लेकिन उसको ध्यान में नहीं रखा गया, उनके लिए इस बजट में कुछ भी नहीं है.
भाजपा की नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मीडिया से बात करते हुए – यह बजट पूरे देशवासियों को देखकर बनाया गया है. बजट में महिलाओं को सम्मान मिला है. बजट में सबसे अच्छी बात है कि बच्चों के लिए जिला स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की घोषणा की गई है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि ये अमृतकाल का पहला बजट है. कोरोना के कारण पूरी दुनिया में इकोनॉमी गिरी लेकिन हमारा यहां की इकोनॉमी मजबूत हुई. सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि कोरोना के समय सरकार ने 80 करोड़ लोगों को 28 महीने तक मुफ्त राशन दिया गया. सरकार ने प्रयास किया कि देश में कोई भी आदमी भूखा न सोए. सरकार ने बजट में महिलाओं और पिछड़ों को भी ध्यान रखा है.
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