नई दिल्ली। अगले वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए केंद्र सरकार आम बजट प्रस्तुत करने जा रही है। 2023 के बजट को लेकर एजुकेशन सेक्टर ने काफी उम्मीदे लगाई है। बाल विकास को बढ़ावा देने लिए सरकार शिक्षा पर उपयुक्त निवेश कर सकती है। आगामी बजट में एजुकेशन सेक्टर की उम्मीद वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए […]
नई दिल्ली। अगले वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए केंद्र सरकार आम बजट प्रस्तुत करने जा रही है। 2023 के बजट को लेकर एजुकेशन सेक्टर ने काफी उम्मीदे लगाई है। बाल विकास को बढ़ावा देने लिए सरकार शिक्षा पर उपयुक्त निवेश कर सकती है।
वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए देश की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार बजट पेश करेंगी। जहां केंद्रीय बजट 2023-24 से देश में कई तरह के सेक्टर अपनी-अपनी उम्मीदें लेकर बैठे हैं। वहीं अगर बात एजुकेशन सेक्टर की करें तो इस बजट द्वारा युवा भारत को विकास की नई दिशा मिलेगी। वहीं सरकार शिक्षा पर भी काफी निवेश कर सकती है।
दरअसल कोरोना महामारी के बाद यह पहला साल है, जहां छात्रों ने स्कूल-कॉलेज में पढाई के लिए जाने की शुरुआत की है। सन 1964 बजट में शिक्षा आयोग ने अर्ज़ी की थी कि सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 6 प्रतिशत शिक्षा को जाना चाहिए। साल 2020 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने शिक्षा पर निवेश को सकल घरेलू उत्पाद का 6 प्रतिशत करने के लिए कहा था। वहीं यह साफ़ है कि भारत का शिक्षा बजट इन अंकों तक कभी पहुंच नहीं पाया। इस साल सेक्टर को उम्मीद हैं कि आगामी बजट युवा भारत को विकास की राह पर ले जाने के लिए शिक्षा पर पर्याप्त सार्वजनिक निवेश कर पाएगा।
देश को सरकार से उम्मीद है कि इस सेक्टर के विकास को बढ़ावा देने में वह पूरी सहायता करेंगी। भारत सरकार शैक्षिक सेवाओं पर जीएसटी घटाने के लिए चर्चा कर रही है। खबरों के अनुसार जीएसटी को निर्धारित अवधि के लिए पूरी तरह हटाया जा सकता है।
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