नई दिल्ली। वित्तिय वर्ष 2023-24 के लिए बजट को पेश किया जा चुका है। देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में अपना पांचवा बजट पेश किया। इस बार के बजट में रक्षा क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया है और इस बजट में पिछले साल की तुलना में 13 फीसदी की बढ़ोतरी की गई […]
नई दिल्ली। वित्तिय वर्ष 2023-24 के लिए बजट को पेश किया जा चुका है। देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में अपना पांचवा बजट पेश किया। इस बार के बजट में रक्षा क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया है और इस बजट में पिछले साल की तुलना में 13 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है।
केंद्र सरकार ने इससे पहले वित्त वर्ष 2022 के बजट में रक्षा क्षेत्र को 5.25 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए थे। यह उस समय सरकार के कुल बजट का 13.31 फीसदी था। जबकि देश के कुल जीडीपी का 2.9 फीसदी था। इस क्षेत्र का लगभग आधा बजट सैनिकों के सैलरी और पेंशन के हिस्से में जाता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी यानी आज रक्षा क्षेत्र को 5.93 लाख करोड़ रुपए के रक्षा बजट का ऐलान किया है। यह बजट पिछले साल की तुलना में लगभग 13 फीसदी अधिक है। इस बार के बजट के पैसो से सरकार नए हथियारों की खरीद, सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और रक्षा क्षेत्र से जुड़े जरुरी इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने में करेगी। इस बार रक्षा क्षेत्र के बजट में बढ़ोतरी का मुख्य कारण पिछले 2 सालों से चीन के साथ चल रहा गतिरोध है।
बता दें कि रक्षा बजट से 1.52 लाख करोड़ रुपए रक्षा उपकरणों को दिए जाएंगे। इन पैसों से नए हथियार, एयरक्रॉफ्ट, युद्धपोत और अन्य सैनिक उपकरण शामिल होंगे। वहीं इसके अलावा थल सेना को 32,015 करोड़ रुपए, भारतीय नौसेना को 47,590 करोड़ रुपए और वायुसेना को 55,586 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
सरकार ने बताया था कि आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए 68 फीसदी रक्षा उपकरणों की खरीद घरेलू कंपनियों से की जाएगी। इसके अलावा डिफेंस सेक्टर से जुड़े रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए 18,440 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। वहीं 38,714 करोड़ रुपए अन्य खर्चों के लिए आवंटित किए गए हैं।