पोर्न बैन के बाद छिड़ी बहस को देखते हुए टेलिकॉम मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाते हुए इस बैन को सिर्फ चाइल्ड पोर्न और ब्लू फिल्म्स तक ही सीमित दिया है. पॉर्न वेबसाइट्स को बैन किए जाने पर आलोचनाएं झेल रही केंद्र सरकार ने फैसले को पलटते हुए प्रतिबंध हटा दिया है. दूरसंचार मंत्रालय ने तत्काल प्रभाव से इस प्रतिबंध को हटा लिया है.
नई दिल्ली. पोर्न बैन के बाद छिड़ी बहस को देखते हुए टेलिकॉम मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाते हुए इस बैन को सिर्फ चाइल्ड पोर्न और ब्लू फिल्म्स तक ही सीमित दिया है. पॉर्न वेबसाइट्स को बैन किए जाने पर आलोचनाएं झेल रही केंद्र सरकार ने फैसले को पलटते हुए प्रतिबंध हटा दिया है. दूरसंचार मंत्रालय ने तत्काल प्रभाव से इस प्रतिबंध को हटा लिया है.
दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रतिबंध हटाए जाने की पुष्टि की है. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सिर्फ चाइल्ड पोर्न साइट्स पर ही बैन रहेगा. केंद्र की ओर से पॉर्न साइटों को बैन किए जाने का समाज के कई तबकों की ओर से विरोध किया जा रहा था. सरकार के इस फैसले को निजता का हनन बताया जा रहा था. सूत्रों के मुताबिक सरकार ने करीब 700 पॉर्न साइटों से बैन को हटा लिया है, जबकि करीब सौ पर यह जारी रहेगा, जिन पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी और ब्लू फिल्मों जैसी सामग्री उपलब्ध हैं.
आपको बता दें कि मोदी सरकार ने देश में 857 पोर्न साइट्स को बैन कर दिया है. इस बैन पर सोशल मीडिया से लकेर रकाजनीतिक गलियारों में लोगों का मोदी सरकार पर जमकर गुस्सा फूट रहा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने कहा कि सरकार की ओर से इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को 857 पोर्न वेबसाइट्स को प्रतिबंधित करने का आदेश दिया जाना देश के ‘तालिबानीकरण’ जैसा है. जबकि मोदी समर्थक लेखक चेतन भगत ने भी इस प्रतिबन्ध की निंदा की है.