1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन का शव मुंबई के माहिम स्थित उसके घर लाया गया है. पुलिस ने याकूब का शव कब्रिस्तान तक ले जाते वक्त फोटोग्राफी पर बैन लगाते हुए सर्कुलर जारी किया है. इससे पहले गुरुवार सुबह 5 बजकर 20 मिनट पर याकूब को फांसी के फंदे पर लटकाया गया था. जेल से शव लेने के बाद याकूब के भाई (सुलेमान और उस्मान) मुंबई पहुंचे हैं. मुंबई में पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है और कई स्थानों पर सेंट्रल फोर्स को तैनात कर दिया गया है. पुलिस ने 300 लोगों को प्रिवेंटिव कस्टडी में ले लिया है.
मुंबई. 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन का शव मुंबई के माहिम स्थित उसके घर लाया गया है. पुलिस ने याकूब का शव कब्रिस्तान तक ले जाते वक्त फोटोग्राफी पर बैन लगाते हुए सर्कुलर जारी किया है. इससे पहले गुरुवार सुबह 5 बजकर 20 मिनट पर याकूब को फांसी के फंदे पर लटकाया गया था. जेल से शव लेने के बाद याकूब के भाई (सुलेमान और उस्मान) मुंबई पहुंचे हैं. मुंबई में पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है और कई स्थानों पर सेंट्रल फोर्स को तैनात कर दिया गया है. पुलिस ने 300 लोगों को प्रिवेंटिव कस्टडी में ले लिया है.
फांसी के वक्त ये थे मौजूद
जेल में याकूब को फांसी देते समय कलेक्टर, जेल अधीक्षक, सीनियर जेलर, एसपी, जेल डीआईजी, एडीजी, मेडिकल अस्पताल के डीन व उनके दल समेत 20 उच्च स्तरीय अधिकारी मौजूद थे. फांसी यार्ड में 6 लोग थे. उस वक्त जेल के अंदर की सारी व्यवस्था विशेष कमांडो और क्यूआरटी के कंधों पर थी.