सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव पेटिशन ख़ारिज हो जाने, डेथ वारंट लीगल ठहराए जाने और महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव के मर्सी पेटिशन ख़ारिज कर देने के बाद अब याकूब मेमन की सारी उम्मीदें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पट टिक गईं हैं. आपको बता दें कि डेथ वारंट के हिसाब से याकूब को कल फांसी दी जानी है और कल ही उसका जन्मदिन भी है. अब ऐसे में याकूब को प्रणब के फैसले का बेसब्री से इंतज़ार है. हालांकि राष्ट्रपति पिछले ही साल याकूब की मर्सी पेटिशन ठुकरा चुके हैं.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव पेटिशन ख़ारिज हो जाने, डेथ वारंट लीगल ठहराए जाने और महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव के मर्सी पेटिशन ख़ारिज कर देने के बाद अब याकूब मेमन की सारी उम्मीदें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पर टिक गईं थीं. लेकिन राष्ट्रपति ने भी याकूब की मर्सी पेटिशन ख़ारिज कर दी है. आपको बता दें कि डेथ वारंट के हिसाब से याकूब को कल फांसी दी जानी है और कल ही उसका जन्मदिन भी है.
कल ही है याकूब का जन्मदिन
आपको बता दें कि कल ही याकूब का 53वां जन्मदिन है. याकूब वर्ष 1962 में 30 जुलाई को मुंबई में ही पैदा हुआ था. याकूब का पूरा नाम याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन है जो कि पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट था. मेमन इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी से मास्टर्स की पढाई कर रहा है. पिछले साल याकूब मेमन ने एमए की द्वितीय वर्ष की परीक्षा दी है. याकूब ने 2013 में इग्नू से अंग्रेजी में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है. इसके बाद याकूब पॉलिटिकल साइंस में फिर से पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहा है.