देखने में असमर्थ एक महिला प्रोफेसर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से वीडियो के ज़रिए एक अपील की है. इस प्रोफेसर का कहना है कि मुस्लिम संप्रदाय से होने की वजह से उन्हें राजधानी में घर नहीं मिल पा रहा है.
नई दिल्ली. देखने में असमर्थ एक महिला प्रोफेसर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से वीडियो के ज़रिए एक अपील की है. इस प्रोफेसर का कहना है कि मुस्लिम संप्रदाय से होने की वजह से उन्हें राजधानी में घर नहीं मिल पा रहा है.
अपनी दो मिनट की वीडियो अपील में रीम शमसुद्दीन कहती हैं “मैं नहीं चाहूंगी कि इस तरह की शर्मनाक और अमानवीय घटना किसी और के साथ हो. हमारे पांच साले के मुख्यमंत्री,मेरी विनती है कि आप इस मामले में कुछ करें.” दिल्ली के एक कॉलेज में अंग्रेजी पढ़ाने वाली तीस साल की रीम का आरोप है कि उन्होंने एक फ्लैट पसंद कर लिया था जिसमें वह अपनी मां के साथ शिफ्ट होने वाली थी. एडवांस में किराया भी दे दिया गया था, यहां तक की रीम ने अपना सामान भी फ्लैट में रख दिया था लेकिन ऐन वक्त पर मकानमालिक ने चाबियां देने से मना कर दिया.
रीम शमशुद्दीन बताती हैं “मकानमालिक ने चाबी देने से इंकार करते हुए कहा कि वो लोग मुसलमानों को फ्लैट किराए पर नहीं देते. मुझे यकीन ही नहीं हुआ. दिल्ली तो खुद को बड़ा एडवांस शहर बताता है. इस दर्जे का भेदभाव तो मैंने हैदराबाद में भी नहीं देखा जहां मैंने आठ साल पढ़ाई की है.”
प्रोफेसर ने आगे कहा “अगर मुझे ये सब झेलना पड़ रहा है तो देश भर से आने वाले हज़ारों बच्चों का क्या हाल होता होगा जो यहां पढ़ने आते हैं. मुझे लगता है कि जिस दिल्ली को आप चलाते हैं वहां हर किसी के लिए जगह होनी चाहिए..बिहारी, बंगाली, मल्याली, मणिपुरी, कश्मीरी, गोअन से लेकर काले, गोरे, समलैंगिक, अंधे, बहरे, बेघर सबके लिए.” रीम ने कहा कि जब पिछले साल फरवरी में वह दिल्ली आई थी तब पूरा शहर आप के उन वादों से गूंज रहा था जिसमें सब कुछ बदलने के दावे किए गए थे.
इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता शहज़ाद पूनावाला ने अरविंद केजरीवाल के साथ साथ राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, गृह मंत्रालय और एलजी नजीब जंग से भी जल्द ही कुछ कार्यवाही करने की अपील की है. शहज़ाद ने सोशल मीडिया पर #Justice4Reem कैंपेन भी शुरु किया है.