आईपीएल के पूर्व कमिश्नर और करप्शन के आरोपी ललित मोदी की मदद कर विवादों में आईं राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर कांग्रेस ने बड़ा आरोप लगाया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वसुंधरा और उनके परिवार पर सरकारी महल पर कब्जा जमाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ''धौलपुर का महल एक सरकारी संपत्ति थी लेकिन वसुंधरा, उनके बेटे दुष्यंत और ललित मोदी ने इसे निजी संपत्ति बना कर इसे हड़प लिया.''
नई दिल्ली. आईपीएल के पूर्व कमिश्नर और करप्शन के आरोपी ललित मोदी की मदद कर विवादों में आईं राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर कांग्रेस ने बड़ा आरोप लगाया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वसुंधरा और उनके परिवार पर सरकारी महल पर कब्जा जमाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ”धौलपुर का महल एक सरकारी संपत्ति थी लेकिन वसुंधरा, उनके बेटे दुष्यंत और ललित मोदी ने इसे निजी संपत्ति बना कर इसे हड़प लिया.”
रमेश ने कहा- 2010 तक धौलपुर महल थी सरकारी संपत्ति
रमेश ने कहा कि 2010 तक धौलपुर का महल सरकारी संपत्ति थी लेकिन 2013 में अपने हलफनामे में वसुंधरा ने इसे निजी संपत्ति दिखाई. उन्होंने कहा, ”नियंत कंपनी (वसुंधरा के परिवार की कंपनी) और आनंदा हेरिटेज कंपनी (ललित मोदी की कंपनी) ने मिलकर इस महल को निजी बना लिया और इसमें 100 करोड़ का निवेश किया. इस होटल में वसुंधरा के नाम पर 3280 शेयर, 2025 शेयर दुष्यंत, 3225 शेयर निहारिका (वसुंधरा की बहू) और ललित मोदी के 515 शेयर हैं.”
रमेश ने आरोप लगाया, ‘1954 के दस्तावेज साबित करते हैं कि धौलपुर का महल निजी नहीं, सरकारी संपत्ति है. 1955 में राजस्थान में जमाबंदी हुई और उसमें भी लिखा गया है कि यह महल सरकारी संपति है. 1971 में इस महल का खसरा नंबर बदला गया, लेकिन इसके मालिकाना हक को लेकर स्थिति नहीं बदली। 1977 की जमाबंदी में भी धौलपुर महल को सरकारी संपत्ति बताया गया है.’
जयराम रमेश ने आगे कहा कि हम परिवार को बीच में लाना ठीक नहीं समझते, फिर भी एक बात बताना जरूरी हो गया है. उन्होंने कहा, ‘1980 में वसुंधरा राजे के पति, दुष्यंत सिंह के पिता व धौलपुर के महाराजा ने बयान दिया था कि यह महल निजी या राजपरिवार की संपत्ति नहीं, सरकारी संपत्ति है. 2010 की जमाबंदी से भी साफ है कि धौलपुर महल सरकारी संपत्ति है.’