नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिये देशवासियों को संबोधित करते हुए योग दिवस का जिक्र किया और कहा कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर दुनिया का कोई ऐसा भू-भाग नहीं था, जहां योग के साथ सूर्य का स्वागत नहीं हुआ हो. पीएम ने कहा कि पूरी दुनिया भारत के बारे में जानने को काफी उत्सुक है, हमें अपनी विरासत को बांटना चाहिए, अपनी विरासत पर गर्व करना चाहिए.
पीएम मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के मुख्य अंश-
इंक्रेडिबल इंडिया हैशटैग पर आप कहीं भी यात्रा करें और फोटो भेजते रहिए ताकि देश-दुनिया को पता चले कि भारत में कितनी विविधताएं हैं.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून को योग करते देख आनंद आया, योग को पूरे विश्व ने सम्मान दिया.
योगदिवस के अवसर पर दिल्ली ने गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में अपना स्थान दर्ज करवाया.
देश के नौजवान विशेष करके आई.टी. प्रोफ़ेशनल्स मिलकर onlineyoga ऐक्टिविटी की योजना बनाइए.
15 अगस्त से पहले क़रीब साढ़े चार लाख टॉयलेट बनाने थे और काफी स्कूलों में काम लोगों ने पूरा भी किया जबकि 15 अगस्त में अभी देर है.
पिछले महीने हमने 3 जनसुरक्षा योजनाओं का शुभारंभ किया था और बहुत ही कम समय में सकारात्मक परिणाम भी मिले.
रक्षाबंधन के पवित्र त्योहार पर हम 12 रुपये, 330 रुपये की जनसुरक्षा योजनाओं को जीवन भर के लिए अपनी बहनों को भेंट दे सकते हैं.
बारिश के पानी को जाया न करें. रेन वाटर हार्वेस्टिंग तकनीक से उसका संचयन कर हरियाली को बढ़ावा दें.
पेड़-पौधा लगाते समय ग्रामीण तकनीक का प्रयोग करें। पेड़ के बगल में मिट्टी का घड़ा रख कर उसमें पानी भर दें.
मैं किसानों को भी कहता रहता हूं आप अपने खेत के किनारे पर बाड़ लगाने के बजाय पेड़ लगाइये. वो आपकी सम्पति बन जाएंगे.
बारिश पसंद भी बहुत होती है, मज़ा भी आता है। लेकिन बारिश के दिनों में पानी से बीमारियां बहुत फैलती हैं.
बीमारियों से बचने के लिए साफ़-सफ़ाई बहुत महत्वपूर्ण बन जाती है, स्वछता बड़ी महत्वपूर्ण बन जाती है.
अभी-अभी हम लोगों ने 3 नई योजनाओं को लॉन्च किया, ख़ास करके शहरी जनों के लिए. देश में क़रीब 500 छोटे-मोटे शहर हैं.
कूड़े-कचरे में से भी सम्पति बन सकती है, फ़र्टिलाइज़र बन सकता है, ईंटें बन सकती हैं, बिजली बन सकती है.
अमृत योजना के तहत हम अपने शहरों को जीवन जीने योग्य बनाने के लिए बड़ा अभियान उठाया है. दुनिया की बराबरी कर सके ऐसी स्मार्ट सिटी होनी चाहिए और देश के ग़रीब से ग़रीब व्यक्ति को भी रहने के लिए अपना घर होना चाहिए. घर हो, जिसमें बिजली हो, पानी हो, शौचालय हो, नज़दीक में पढ़ने के लिए स्कूल का प्रबंध हो. 2022 में हम देशवासियों को घर देना चाहते हैं.
सरकार की तरफ़ से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम चल रहा है. जब सरकार का कार्यक्रम समाज, गांव अपना बना ले, तो उसकी ताक़त बढ़ जाती है. हरियाणा के बीबीपुर गांव के सरपंच ने ‘#SelfieWithDaughter’ स्पर्धा की, हर पिता अपनी बेटी के साथ सेल्फ़ी निकालकर सोशल मीडिया में रखने लगे. ये कल्पना मुझे अच्छी लगी उसके पीछे कुछ कारण भी है. हरियाणा में, बालकों की तुलना में बालिकाओं की संख्या बहुत कम है.
एजेसी इनपुट भी
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