बीते 1 जून को शाहजहांपुर में स्वतंत्र पत्रकार जगेंद्र सिंह की मौत का मामला अभी सुलझा भी नहीं था कि मध्य प्रदेश के बालाघाट से दो दिन पहले अपहृत पत्रकार संदीप कोठारी का जला शव शनिवार रात महाराष्ट्र में वर्धा के करीब एक खेत में पाया गया. इसके अलावा पूरे देश के अलग-अलग हिस्सों से लगातार पत्रकारों को निशाना बनाने की घटनाएं सामने आ रहीं हैं. मुफ़्ती सर्कार में मंत्री गुलाम नबी लोन के बॉडीगार्ड्स के एक पत्रकार की पिटाई का मामला भी पिछले दिनों सुर्ख़ियों में बना रहा.
नई दिल्ली. बीते 1 जून को शाहजहांपुर में स्वतंत्र पत्रकार जगेंद्र सिंह की मौत का मामला अभी सुलझा भी नहीं था कि मध्य प्रदेश के बालाघाट से दो दिन पहले अपहृत पत्रकार संदीप कोठारी का जला शव शनिवार रात महाराष्ट्र में वर्धा के करीब एक खेत में पाया गया. इसके अलावा पूरे देश के अलग-अलग हिस्सों से लगातार पत्रकारों को निशाना बनाने की घटनाएं सामने आ रहीं हैं. मुफ़्ती सर्कार में मंत्री गुलाम नबी लोन के बॉडीगार्ड्स के एक पत्रकार की पिटाई का मामला भी पिछले दिनों सुर्ख़ियों में बना रहा.
आपको बता दें कि संदीप कोठारी 19 जून की रात 9 बजे अपनी मोटरसाइकिल से दोस्त ललित राहंगडाले के साथ उमरी गांव जा रहे थे, जब एक फोर व्हीलर गाड़ी ने पहले उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मारी फिर ललित को मारपीट कर भगाने के बाद संदीप का अपहरण कर लिया. दो दिनों के बाद यानि शनिवार 21 जून की देर शाम को संदीप का शव महाराष्ट्र के वर्धा के पास से बरामद किया गया. दूसरी तरफ़ जगेंद्र सिंह की हत्या मामले की एकमात्र चश्मदीद द्वारा अपना बयान बदलने के बाद भी ऐसी आशंका जताई जा रही है कि, जिस तरह से इस मामले में यूपी के मंत्री राममूर्ति वर्मा का नाम सामने आया है, उससे निष्पक्ष जांच की उम्मीद दम तोड़ती नज़र आ रही है. मुआवजे की घोषणा भी केस वापिस लेने के दबाव का हथकंडा ही बताया जा रहा है.
एजेंसी इनपुट भी