प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के आरोपी और आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की मदद करने के आरोप में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज विवादों में घिर गई है. सुषमा पर ललित मोदी को ब्रिटेन से बाहर यात्रा करने के लिए वीजा दस्तावेज बनाने में मदद का आरोप लगा है. यह मामला साल 2014 का है. दूसरी तफ़र नए खुलासों में सुषमा ने भी ब्रिटेन में अपने रिश्तेदार के एडमिशन के लिए मोदी की मदद ली थी इसके अलावा खुद सुषमा की बेटी बांसुरी स्वराज ही मोदी का केस भी लड़ रहीं थीं.
नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के आरोपी और आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की मदद करने के आरोप में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज विवादों में घिर गई है. सुषमा पर ललित मोदी को ब्रिटेन से बाहर यात्रा करने के लिए वीजा दस्तावेज बनाने में मदद का आरोप लगा है. यह मामला साल 2014 का है. दूसरी तफ़र नए खुलासों में सुषमा ने भी ब्रिटेन में अपने रिश्तेदार के एडमिशन के लिए मोदी की मदद ली थी इसके अलावा खुद सुषमा की बेटी बांसुरी स्वराज ही मोदी का केस भी लड़ रहीं थीं.
सुषमा की बेटी ने लड़ा था ललित मोदी का केस !
ललित मोदी को मदद के आरोपों को लेकर विवादों में फंसी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के लिए एक और मुसीबत खड़ी हो गई है. खुलासा हुआ है कि सुषमा की बेटी बांसुरी स्वराज ने ललित मोदी का केस लड़ा था. खुलासा ये भी हुआ है कि जब सुषमा स्वराज लोकसभा में विपक्ष की नेता थीं तो उन्होंने अपने एक रिश्तेदार का ब्रिटेन में एडमिशन करवाने के लिए ललित मोदी की मदद ली थी. आरोप लग रहे हैं कि इसी काम के बदले सुषमा ने ललित मोदी की मदद की है.
मोदी ने किया था ट्वीट भी
बड़ी बात ये है कि हाईकोर्ट में ललित मोदी के केस को लड़ने वाली लीगल टीम के सदस्यों में सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज भी थीं.. ललित मोदी ने इस बड़ी राहत के बाद ट्विटर पर लिखा था -आज का मेरा आखिरी ट्वीट दुनिया की सबसे महान लीगल टीम को समर्पित, उसके बिना मैं आज यहां नहीं होता.. महमूद अब्दी, बांसुरी स्वराज, रोजर घेरसन, डॉरटसेल मार्था, बियांका हेलमिरिक, वेंकटेश ढोंड, अभिषेक सिंह, अंकुर चावला शुक्रिया
अगस्त 2014 में ललित मोदी हाईकोर्ट से केस जीतने पर पासपोर्ट मिलने का रास्ता साफ हुआ था और जुलाई 2014 में सुषमा की ललित मोदी से बात हुई. यानी पद पर रहते हुए सुषमा ने ललित मोदी की मदद की और उस वक्त उनकी बेटी ललित मोदी की लीगल टीम की सदस्य थी. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या सुषमा को ये नहीं बताना चाहिए था कि उनकी बेटी ललित मोदी का केस लड़ रही हैं ?
फेमा उल्लंघन के लिए मोदी को ढूंढा जा रहा था
सुषमा ने जिस वक्त ललित मोदी की मदद की तब प्रदर्शन निदेशालय उन्हें टी-20 क्रिकेट मामले में फेमा के उल्लंघन को लेकर ललित मोदी को तलाश रहा था. तब ललित मोदी लंदन में ही थे और ब्रिटिश सरकार भारत से संबंध खराब होने की आशंका से उन्हें वीजा जारी करने में हिचकिचा रही थी. तब सुषमा ने ब्रिटिश हाईकमीशन और ब्रिटिश सांसद कीथ वाज से बात की थी.
आईपीएल में वित्तीय अनियमितताओं की तमाम गड़बड़ियों के बाद ललित मोदी देश छोड़कर लंदन में रहने लगे थे, जिसके बाद केंद्र सरकार ने उनके पासपोर्ट को रद्द कर दिया था, जिसके खिलाफ ललित मोदी दिल्ली हाईकोर्ट गए और 27 अगस्त 2014 को दिल्ली हाईकोर्ट ने ललित मोदी के पासपोर्ट को रद्द करने के केंद्र सरकार के आदेश को असंवैधानिक करार दिया.
सुषमा के साथ खड़ी सरकार
सुषमा स्वराज के बचाव में सरकार के साथ-साथ बीजेपी और संघ सामने आ गई है. सरकार की तरफ गृह मंत्री राजनाथ ने कहा कि सुषमा ने मानवीय आधार पर किसी की मदद करके कोई गलती नहीं की है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि इस पर हो हल्ला मचाने की जरूरत नहीं है तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा कि उन्होंने जो कुछ भी किया होगा वह उनके ‘मानवीय’ स्वभाव और राष्ट्रवादी भावना से निर्देशित रहा होगा.
विपक्ष ने हमले तेज किए
दूसरी तरफ विपक्ष ने सुषमा पर हमला तेज़ कर दिया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘मैं यह उम्मीद नहीं करता कि सुषमा स्वराज जी यात्रा दस्तावेज हासिल करने में ललित मोदी को मदद करेंगी, जिसके खिलाफ सरकार ने लुक-आउट नोटिस जारी किया हुआ था…मैं सुषमा स्वराज जी से अपील करता हूं कि वह नैतिक आधार पर तत्काल इस्तीफा दें.
IANS से भी इनपुट