मैगी का भविष्य अधर में, बंबई हाईकोर्ट में आज सुनवाई

मैगी मामले पर आज बंबई हाई कोर्ट सुनवाई करेगा. स्विट्जरलैंड की खाद्य कंपनी नेस्ले की भारतीय इकाई ने गुरुवार को भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FASSI) के बाजार से मैगी को वापस लेने के फैसले की न्यायिक समीक्षा की मांग करते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. न्यायमूर्ति वीएम कनाडे और न्यायमूर्ति बीपी कोलाबावाला ने कंपनी के वकील द्वारा इस ओर ध्यान दिलाए जाने के बाद सुनवाई शुक्रवार को मुकर्रर की. इससे पहले इस मामले को 18 जून के लिए सूचीबद्ध किया गया था.

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मैगी का भविष्य अधर में, बंबई हाईकोर्ट में आज सुनवाई

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  • June 12, 2015 2:34 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago

मुंबई. मैगी मामले पर आज बंबई हाई कोर्ट सुनवाई करेगा. स्विट्जरलैंड की खाद्य कंपनी नेस्ले की भारतीय इकाई ने गुरुवार को भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FASSI) के बाजार से मैगी को वापस लेने के फैसले की न्यायिक समीक्षा की मांग करते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. न्यायमूर्ति वीएम कनाडे और न्यायमूर्ति बीपी कोलाबावाला ने कंपनी के वकील द्वारा इस ओर ध्यान दिलाए जाने के बाद सुनवाई शुक्रवार को मुकर्रर की. इससे पहले इस मामले को 18 जून के लिए सूचीबद्ध किया गया था.

नेस्ले चाहत है जल्द से जल्द सुनवाई
कंपनी के वकील ने अदालत ने मामले की सुनवाई जल्द से जल्द किए जाने का अनुरोध किया, क्योंकि कंपनी को नियामक के आदेश के बाद काफी नुकसान हो रहा है.कंपनी ने FASSI के पांच जून के आदेश को रद्द किए जाने की मांग की है, जिसमें कंपनी से मैगी को बाजार से हटाने का आदेश दिया गया है और जिसका कंपनी ने पालन भी किया है.

शेयर बाजारों में दी गई नियमित सूचना के मुताबिक, कंपनी ने कहा कि वह महाराष्ट्र खाद्य एवं औषधि विनियामक द्वारा छह जून को दिए गए आदेश की समीक्षा की भी मांग कर रही है. कंपनी का तर्क है कि ये आदेश FASSI की धारा-34 पर खरे नहीं उतरते हैं और ये आदेश बिना अधिकार के और बिना कानूनी तरीके का पालन किए दिए गए हैं.

नेस्ले ने आदेश को अवैध बताते हुए कहा कि ये प्राकृतिक न्याय और भारतीय संविधान का उल्लंघन है. नेस्ले इंडिया ने आगे कहा, “हम बाजार से मैगी उत्पादों को वापस ले रहे हैं. अदालत में याचिका दायर करने से इस प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बंबई हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक हम भविष्य में काम करेंगे.” तकनीकी संदर्भो में कहा जाए तो नेस्ले ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2011 की व्याख्या का मुद्दा उठाया है.

मैगी में तय मात्रा से अधिक सीसा पाया गया था
खाद्य सुरक्षा विनियामक द्वारा मैगी की जांच में अत्यधिक मात्रा में सीसा मिलने के बाद कंपनी को बाजार से मैगी वापस लेने का निर्देश दिया गया था. कंपनी ने हालांकि मैगी में सीमा से अधिक सीसा होने को गलत बताया है. कई राज्यों ने मैगी पर प्रतिबंध भी लगा दिया है. विनियामक ने जांच के दायरे में अन्य ब्रांडों के नूडल्स, पास्ता और टेस्टमेकर को भी शामिल कर लिया है.

मैगी कर्मचारियों की नौकरी भी है दांव पर
देशभर में मैगी के खिलाफ कार्रवाई से नेस्ले कंपनी की गोवा स्थित उत्पादन इकाई में कार्यरत सैकड़ों कर्मचारियों की नौकरी प्रभावित हो रही है. नेस्ले इंडिया के प्रवक्ता हिमांग्शु मांगलिक ने ईमेल के जरिए आईएएनएस को बताया, “मैगी नूडल्स पर प्रतिबंध लगने की वजह से ठेके पर काम कर रहे श्रमिकों पर प्रभाव पड़ा है. सेवा प्रदाता ठेके पर काम कर रहे अपने लगभग 500 श्रमिकों को दूसरे काम पर लगाने की कोशिश कर रहे हैं.”

गोवा के बिचोलिम उपजिले के मॉलिंगम स्थित नेस्ले उत्पादन इकाई में मैगी नूडल्स, सॉस, चटनी और सूप का उत्पादन होता है. मांगलिक का कहना है कि फिलहाल मैगी सूप का उत्पादन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. मांगलिक का कहना है कि कंपनी के स्थाई कर्मचारियों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. गोवा ने सोमवार से मैगी की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था. अब तक कंपनी ने लगभग नौ टन मैगी बाजार से वापस लिए हैं.

IANS

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