म्यांमार में घुसकर आतंकी संगठनों पर भारतीय सेना के हमले के बाद पाकिस्तान बौखला गया है. पाकिस्तानी मंत्री, नेताओं के बाद अब पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने भी गीदड़ भभकी दी है. मुशर्रफ ने कहा कि पाकिस्तान ने परमाणु बम शब ए बारात में फोड़ने के लिए नहीं बनाए हैं.
नई दिल्ली. म्यांमार में घुसकर आतंकी संगठनों पर भारतीय सेना के हमले के बाद पाकिस्तान बौखला गया है. पाकिस्तानी मंत्री, नेताओं के बाद अब पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने भी गीदड़ भभकी दी है. मुशर्रफ ने कहा कि पाकिस्तान ने परमाणु बम शब ए बारात में फोड़ने के लिए नहीं बनाए हैं.
पाकिस्तान के न्यूज चैनल दिन न्यूज को दिए इंटरव्यू में मुशर्रफ ने बौखलाते हुए कहा कि भारत का एजेंडा है कि पाकिस्तान को दबाया जाए. मुशर्रफ ने कहा कि उनका अनुभव है कि अगर भारत से बराबरी करके मुकाबला नहीं किया जाएगा तो वो और दबाएगा. मुशर्रफ ने आरोप लगाया कि भारत एक तय रणनीति के तहत ऐसा कर रहा है. मुशर्रफ ने आरोप लगाया कि भारत पाकिस्तान को अलग-थलग कर देना चाहता है। मुशर्रफ ने ये भी कहा कि आखिर पाकिस्तान ने परमाणु बम क्यों बनाकर रखे हैं.
न्यूक्लियर हथियारों की धमकी दी
मुशर्रफ ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा कि वह पाकिस्तान पर हमला ना करे. भारत हमारी सीमा में ना घुसे क्योंकि हम छोटी ताकत नहीं बल्कि न्यूक्लियर पावर हैं. मुशर्रफ ने कहा कि वो भारत को उसके खेल में कभी कामयाब नहीं होने देंगे. उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से भी भारत को जवाब देने को कहा. मुशर्रफ ने कहा कि कोई शक सुबह नहीं है, ये उन्होंने सोचे समझे मंसूबे के मुताबिक रवैया अपनाया है. हमें दबाना उनका मकसद है. बर्मा में किया है और कह रहे हैं पाकिस्तान में भी कर सकते हैं. इसमें कोई शक नहीं है कि हम नुक्लियर स्टेट हैं. हमारे पास बहुत बड़ी आर्म्ड फ़ोर्स है. हम न्यूक्लियर ताकत को इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं लेकिन अगर हमारा बजूद खतरे में आता है तो ये किसलिए रखे हैं? शबे बरात में इस्तेमाल करने के लिए रखे हैं?
हमें शांति से रहने दो, हमारी इंटीग्रिटी को चैलेंज मत करो. हम छोटी ताकत नहीं हैं, हम न्यूक्लियर ताकत हैं. आप इनसे दबे तो ये और दबाएंगे, इनको समानता के साथ डील करें. इन्होने ऑफेंसिव स्टांस लिया हुआ है. बांग्लादेश में जाकर बातें कर रहे हो, कह रहे हो अटैक कर रहे हो, हमें बेवकूफ समझते हैं क्या? मेरा विश्वास साफ़ है, रेस्पॉन्स पूरी ताकत से होना चाहिए. प्रधानमंत्री का जवाब प्रधानमंत्री की तरफ से आना चाहिए और आर्मी चीफ की तरफ से भी आना चाहिए.
IANS से भी इनपुट