अल्पसंख्यक समुदाय को गुडविल मेसेज देने के मकसद से पीएम नरेंद्र मोदी आने वाले महीने में केरल विजिट के दौरान देश की सबसे पुरानी चेरामन जुमा मस्जिद जा सकते हैं. यह मस्जिद सैकड़ों साल पुरानी है. मस्जिद के विजिट का मकसद यहां केरल टूरिज्म द्वारा चल रहे एक हेरिटेज प्रोजेक्ट के पहले चरण का उद्घाटन करना है. मोदी अपने इस दौरे में दो अन्य ऐतिहासिक पूजा स्थल कोडुंगलुर भगवती मंदिर और सेंट थॉमस चर्च भी जा सकते हैं.
कोच्चि. अल्पसंख्यक समुदाय को गुडविल मेसेज देने के मकसद से पीएम नरेंद्र मोदी आने वाले महीने में केरल विजिट के दौरान देश की सबसे पुरानी चेरामन जुमा मस्जिद जा सकते हैं. यह मस्जिद सैकड़ों साल पुरानी है. मस्जिद के विजिट का मकसद यहां केरल टूरिज्म द्वारा चल रहे एक हेरिटेज प्रोजेक्ट के पहले चरण का उद्घाटन करना है. मोदी अपने इस दौरे में दो अन्य ऐतिहासिक पूजा स्थल कोडुंगलुर भगवती मंदिर और सेंट थॉमस चर्च भी जा सकते हैं.
एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, टूरिज्म सेक्रेटरी जी कमला वर्धन राव ने कहा कि पीएम मोदी अपने जुलाई या अगस्त में होने वाले दौरे में मस्जिद में चल रहे मुजिरिस प्रोजेक्ट का उद्घाटन करने के लिए तैयार हुए हैं. हालांकि, डेट्स फिलहाल फाइनल नहीं हुई हैं. वहीं, मुस्लिम एजुकेशन सोसाइटी के प्रेसिडेंट डॉक्टर फसल गफूर ने कहा कि अगर मोदी इस मस्जिद में आते हैं तो यह स्वागत योग्य कदम है, क्योंकि बीजेपी का आम तौर पर यही प्रोपेगैंडा है कि भारत में मुस्लिम घुसपैठियों के वंशज हैं.
चेरामन जुमा मस्जिद 629 ई में मलिक बिन दीनार द्वारा बनवाई गई थी. चेरामन पेरुमल की याद में यह मस्जिद बनवाई गई थी. चेरामल मालाबार और कोडुंगलुर के शासक थे. उन्होंने बाद में इस्लाम कबूल कर लिया था. सैकड़ों सालों से यहां नॉन मुस्लिम भी आते हैं और यहां मस्जिद के अंदर पारपंरिक दीया जलाते हैं. जुमा मस्जिद के एडिमिनिस्ट्रेटर फैसल एडवन्नाकड़ ने कहा, ”स्पेशल ब्रांच के अधिकारी मस्जिद आए और उन्होंने सुरक्षा लिहाज से पूछताछ की. पीएम के कोडुंगलुर के दौरे के मद्देनजर उन्होंने जाना कि मस्जिद में कितने गेट हैं?”
IANS