दिल्ली में मनोज वशिष्ट के एनकाउंटर को लेकर अब एक और खुलासा हुआ है. एनकाउंटर से 10 दिन पहले दिल्ली पुलिस का स्पेशल सेल की ओर से कोर्ट में कहा गया था कि मनोज के खिलाफ उनके पास न तो कोई एफ़आईआर है और न ही कोई शिकायत है. स्पेशल सेल की ओर से यह जानकारी 6 मई को एडिशनल सेशन्स जज रितेश सिंह की अदालत में दी गई थी.
नई दिल्ली. दिल्ली में मनोज वशिष्ट के एनकाउंटर को लेकर अब एक और खुलासा हुआ है. एनकाउंटर से 10 दिन पहले दिल्ली पुलिस का स्पेशल सेल की ओर से कोर्ट में कहा गया था कि मनोज के खिलाफ उनके पास न तो कोई एफ़आईआर है और न ही कोई शिकायत है. स्पेशल सेल की ओर से यह जानकारी 6 मई को एडिशनल सेशन्स जज रितेश सिंह की अदालत में दी गई थी.
इस जानकारी के सामने आने के बाद अब दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के उस दावे पर सवाल उठने लगे हैं, जिसमें उसने कहा था कि मनोज के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज थीं और पुलिस को कई मामलों में उसकी तलाश थी. वैसे, मनोज एनकाउंटर में शामिल दिल्ली पुलिस की पूरी टीम का तबादला कर दिया गया है. दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कहा है कि वह इस मामले में शिकायतों की विजिलेंस जांच भी कराएंगे.
पुलिस कमिश्नर ने परिवार की मांग पर जांच विजिलेंस को सौंप दी है ताकि पता चल सके कि पीछे की वजह कहीं उगाही तो नहीं है. मामले में कई गवाह भी सामने आए हैं, जिनके मुताबिक गोली पहले मनोज ने ही चलाई थी. दरअसल, सीसीटीवी फुटेज के बावजूद मनोज वशिष्ठ के एनकाउंटर की कहानी से पर्दा नहीं उठ सका. मनोज का शव लिए परिवार पूरी रात लेडी हार्डिंग अस्पताल में बैठा रहा और मंगलवार सुबह दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से मिलने के बाद ही अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुआ.
IANS