नई दिल्ली. 42 साल तक कोमा में रहने वाली अरुणा शानबाग की मौत हो गई है. अरुणा रामचंद्रन शानबाग ने सन्1966 में मुंबई के किंग्स एडवर्ड मेमोरियल (केईएम) हॉस्पिटल में नर्स की नौकरी से करियर की शुरुआत की थी. हॉस्पिटल में ही एक सफाई कर्मचारी सोहनलाल वाल्मीकि ने 27 नवंबर 1973 को अरुणा के साथ दुष्कर्म किया था, जिसके बाद से वह कोमा में थीं. सोहनलाल ने कुत्ते की जंजीर से बांधकर उसके साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म किया था.
नई दिल्ली. 42 साल तक कोमा में रहने वाली अरुणा शानबाग की मौत हो गई है. अरुणा रामचंद्रन शानबाग ने सन्1966 में मुंबई के किंग्स एडवर्ड मेमोरियल (केईएम) हॉस्पिटल में नर्स की नौकरी से करियर की शुरुआत की थी. हॉस्पिटल में ही एक सफाई कर्मचारी सोहनलाल वाल्मीकि ने 27 नवंबर 1973 को अरुणा के साथ दुष्कर्म किया था, जिसके बाद से वह कोमा में थीं. सोहनलाल ने कुत्ते की जंजीर से बांधकर उसके साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म किया था.
जघन्य अपराध को अंजाम देने के बाद अरुणा को मरा समझने के बाद वह मौके से फरार हो गया. बाद में हत्या की कोशिश के जुर्म में सोनेलाल को 7 साल कैद की सजा हुई और उसके बाद वह रिहा भी हो गया.