नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पहलवानों का धरना प्रदर्शन पिछले सात दिनों से जारी है। इस बीच पहलवानों को खेल जगत के दिग्गज खिलाड़ियों और विपक्ष के बड़े नेताओं का समर्थन मिलना शुरू हो गया है। जहां आज सुबह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पहलवानों के धरने का समर्थन करने के लिए जंतर-मंतर पहुंची, वहीं […]
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पहलवानों का धरना प्रदर्शन पिछले सात दिनों से जारी है। इस बीच पहलवानों को खेल जगत के दिग्गज खिलाड़ियों और विपक्ष के बड़े नेताओं का समर्थन मिलना शुरू हो गया है। जहां आज सुबह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पहलवानों के धरने का समर्थन करने के लिए जंतर-मंतर पहुंची, वहीं अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जंतर-मंतर पहुंच चुके हैं।
रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शुक्रवार को दो एफआईआर दर्ज की गई। पहली FIR एक नाबालिग पीड़िता द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है, जो POCSO अधिनियम के साथ-साथ आईपीसी की प्रासंगिक धाराओं के तहत विनय के अपमान से संबंधित है। वहीं, दूसरी एफआईआर अन्य वयस्क शिकायतकर्ताओं द्वारा दी गई शिकायतों की व्यापक जांच करने के लिए शील भंग से संबंधित संबंधित धाराओं के तहत दर्ज की गई है। दोनों प्राथमिकी दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में दर्ज की गई है।
बता दें कि देश के कई दिग्गज खिलाड़ी पहलवानों के समर्थन में सामने आए हैं। जिसमें ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा, पूर्व टेनिस स्टार सानिया मिर्जा, पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग, कपिल देव और इरफान पठान शामिल हैं। इन पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर धरना दे रहे पहलवानों के समर्थन में पोस्ट लिखी है और उनके लिए न्याय मांगा है।
गौरतलब है कि दिल्ली के जंतर मंतर पर पहलवानों का ये दूसरा धरना है, इससे पहले जनवरी महीने में भी पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ धरना दिया था। 18 जनवरी 2023 को कुश्ती महासंघ और पहलवानों के बीच ये विवाद सबके सामने आया था, जब जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया समेत कई दिग्गज पहलवान जुटे थे। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ऊपर यौन शोषण समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे और उन्हें पद से हटाने की मांग की थी। खेल मंत्रालय द्वारा जांच कमेटी गठित किए जाने के बाद उन्होंने अपना धरना खत्म किया था। लेकिन जब WFI अध्यक्ष के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई तो पहलवान एक बार फिर धरने पर बैठ गए।