नई दिल्ली। महिला आरक्षण बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया। बिल के पक्ष में 214 वोट पड़े जबकि किसी ने भी बिल के खिलाफ वोट नहीं डाला। इससे पहले बुधवार को बिल लोकसभा में पास कराया जा चुका है। लोकसभा में हुई वोटिंग में विधेयक के पक्ष में 454 वोट पड़े […]
नई दिल्ली। महिला आरक्षण बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया। बिल के पक्ष में 214 वोट पड़े जबकि किसी ने भी बिल के खिलाफ वोट नहीं डाला। इससे पहले बुधवार को बिल लोकसभा में पास कराया जा चुका है। लोकसभा में हुई वोटिंग में विधेयक के पक्ष में 454 वोट पड़े थे। लोकसभा में ये बिल दो तिहाई बहुमत से पास हो गया था। बिल के पास होने के बाद अब लोकसभा और विधानसभा में 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएगी। इसका मतलब लोकसभा और विधानसभा में हर तीसरी सदस्य महिला होगी।
इस दौरान राज्यसभा में पीएम मोदी ने कहा कि नारी शक्ति को एक विशेष सम्मान सिर्फ विधेयक पारित होने से मिल रहा है ऐसा नहीं है बल्कि इस विधेयक के प्रति देश के सभी राजनीतिक दलों की सकारात्मक सोच होना, ये हमारे देश की नारी शक्ति को नई ऊर्जा देने वाली है।
वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्षी पार्टियों को घेरते हुए कहा कि हमसे अक्सर सवाल पूछा जा रहा है कि इस बिल को लाने में 9 साल क्यों लगे ? मैं आपको बताती हूं। हमारी सरकार ने इतने दिनों में कई योजनाओं से महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजूबत करने का काम किया है। जो काम आपकी सरकारों ने नहीं किया था, उन सारे कामों को हमें करना पड़ा। हम लोग महिलाओं से संबंधित मामलों में कोई राजनीति नहीं करते है। यह प्रधानमंत्री के लिए विश्वास का विषय है इसलिए हम वो सब कुछ करते हैं जो हमने किया। चाहे वह अनुच्छेद 370 हो, तीन तलाक या महिला आरक्षण विधेयक।