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महाराष्ट्र में हिंदुत्व का बिग बॉस आखिर कौन, नतीजों ने साफ कर दिया बीजेपी के आगे ….

नई दिल्ली : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों ने नई सरकार की तस्वीर साफ कर दी है. राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से एनडीए 219 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि कांग्रेस गठबंधन सिर्फ 55 सीटों पर आगे चल रहा है। वहीं, अन्य 14 सीटों पर आगे चल रहे हैं. महाराष्ट्र के इन […]

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Maharastrta Assembly Election
  • November 23, 2024 3:11 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्ली : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों ने नई सरकार की तस्वीर साफ कर दी है. राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से एनडीए 219 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि कांग्रेस गठबंधन सिर्फ 55 सीटों पर आगे चल रहा है। वहीं, अन्य 14 सीटों पर आगे चल रहे हैं. महाराष्ट्र के इन नतीजों ने एक बार फिर उस सवाल को सामने ला दिया है जो हिंदुत्व को लेकर अक्सर उठता रहता है. सवाल ये है कि महाराष्ट्र में हिंदुत्व का आखिर बिग बॉस कौन है? आइए समझते हैं पूरा समीकरण.

कैसे हावी हुई हिंदुत्व की राजनीति

सबसे पहले सवाल ये उठता है. कांग्रेस का गढ़ कहलाने वाला महाराष्ट्र हिंदुत्व का गढ़ कैसे बन गया? दरअसल, 1960 में नए राज्य के रूप में बने महाराष्ट्र में पहला विधानसभा चुनाव 1962 में हुआ था. तब से लेकर 1990 तक यहां कांग्रेस ही प्रमुख पार्टी रही. 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद मुंबई में हुए सांप्रदायिक दंगों और बम धमाकों ने राज्य में पहली बार हिंदुत्व की राजनीति को मजबूत किया.

यही वजह थी कि 1995 के विधानसभा चुनाव में पहली बार यहां शिवसेना और बीजेपी की गठबंधन की सरकार बनी. जिससे महाराष्ट्र में हिंदुत्व को बढ़ावा मिला. वहीं 2014 में मोदी लहर के दौरान एक बार फिर इन दोनों पार्टियों ने सरकार बनाई, परंतु 2019 में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद शिवसेना और बीजेपी के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर ठन गई. अब दोनों पार्टियां आमने-सामने आ गईं और खुद को महाराष्ट्र में हिंदुत्व का असली चेहरा बताने लगीं.

उद्धव ठाकरे हिंदुत्व के हेडमास्टर

2019 के विधानसभा चुनाव में जब उद्धव ठाकरे बीजेपी छोड़कर एनसीपी और कांग्रेस में शामिल हुए थे, तब उनके हिंदुत्व एजेंडे पर सवाल उठे थे. उस समय सीएम बनने के बाद उन्होंने एक बयान में कहा था कि वे हिंदुत्व के हेडमास्टर हैं. वादे निभाना भी मेरे हिंदुत्व का हिस्सा है. मैं कल भी अपने हिंदुत्व पर कायम रहूंगा.मैं आज भी यही करता हूँ और आगे भी करता रहूंगा. मैं आज भी हिंदुत्व की विचारधारा के साथ हूँ, जो मुझसे कभी अलग नहीं हो सकती.

बीजेपी कैसे बनी हिंदुत्व का चेहरा

2019 में शिवसेना से गठबंधन तोड़ने के बाद बीजेपी लगातार उद्धव ठाकरे पर निशाना साधती रही और हिंदुत्व के मुद्दे पर उन्हें निशाने पर लेती रही. 2022 में जब शिवसेना में बगावत हुई तो बागी दल के नेता एकनाथ शिंदे ने भी उद्धव ठाकरे पर हिंदुत्व के मुद्दे से भटकने का आरोप लगाया.लोकसभा चुनाव के दौरान महाविकास अघाड़ी (शिवसेना यूबीटी, एनसीपी शरद पवार और कांग्रेस) का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था, जिससे भाजपा गठबंधन के दावों की हवा निकलती दिखी थी. बहरहाल, विधानसभा चुनाव 2024 के दौरान भाजपा के नारे ‘बंटेंगे तो काटेंगे’ ने महाराष्ट्र में हिंदुत्व के मुद्दे पर राजनीति को नई धार दी, जिसका असर चुनाव नतीजों में दिख रहा है. इस हिसाब से इस समय भाजपा गठबंधन को महाराष्ट्र में हिंदुत्व का बिग बॉस कहा जा सकता है.

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