पहलवानों के प्रदर्शन पर आया WFI का बयान, जानिए क्या कहा

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर रविवार को पहलवानों ने एक बार फिर धरना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। पहलवानों का कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, वे धरने से पीछे हटने वाले नहीं है। इस धरने में बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ ही देश के […]

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पहलवानों के प्रदर्शन पर आया WFI का बयान, जानिए क्या कहा

Vikas Rana

  • April 24, 2023 5:12 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर रविवार को पहलवानों ने एक बार फिर धरना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। पहलवानों का कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, वे धरने से पीछे हटने वाले नहीं है। इस धरने में बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ ही देश के कई नामचीन पहलवान शामिल हैं। इस बीच पहलवानों के प्रदर्शन पर WFI का बयान आया है जानिए उन्होंने क्या कहा-

क्या बोली WFI ?

भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) ने पहलवानों के प्रदर्शन पर ट्वीट कर कहा है कि क्या हमें अपने देश के संविधान, व्यवस्था, संस्थाओं में विश्वास नहीं रखना चाहिए? आखिर इसमें किसी शक्ति प्रदर्शन की भी कोई गुंजाइश रहती है क्या? अब आखिर संस्थाओं के प्रति शक्ति प्रदर्शन क्यों? WFI ने कहा कि ऐसा क्यों है कि हमारा विश्वास तंत्र में, व्यवस्था में और कानून में न होकर अपने कहे को ही सच साबित करने में होता है। हमें विश्वास होना चाहिए। हमें अपने देश में व्यवस्था में विश्वास होना चाहिए।

 

बता दें, इससे पहले भारतीय ओलंपिक संघ ने भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनावों को 45 दिनों के भीतर कराने के अलावा WFI के दिन प्रतिदिन के मामलों का प्रबंधन करने के लिए समिति का गठन किया गया है। इससे पहले खेल मंत्रालय द्वारा अगले महीने WFI के अध्यक्ष के लिए होने वाले चुनावों को रद्द कर दिया था।

जनवरी में भी दिया था धरना

इससे पहले जनवरी महीने में भी पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया था। 18 जनवरी 2023 को कुश्ती महासंघ और पहलवानों के बीच ये विवाद सबके सामने आया था, जब जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया समेत कई दिग्गज पहलवान जुटे थे। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ऊपर यौन शोषण समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे और उन्हें पद से हटाने की मांग की थी। खेल मंत्रालय द्वारा जांच कमेटी गठित किए जाने के बाद उन्होंने अपना धरना खत्म किया था।

 

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