अडानी समूह के प्रवक्ता ने कहा, अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग द्वारा अडानी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और उनका खंडन किया गया है। जैसा कि अमेरिकी न्याय विभाग ने खुद कहा है, अभियोग में लगाए गए आरोप केवल आरोप हैं और जब तक दोषी साबित नहीं हो जाते, तब तक प्रतिवादियों को निर्दोष माना जाएगा।
नई दिल्लीः भारतीय कारोबारी और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी पर अमेरिका में गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि अडानी ग्रुप ने कंपनी के निवेशकों को धोखा दिया है। उन पर अमेरिका में अपनी कंपनी के लिए कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए 265 मिलियन डॉलर यानी करीब 2236 करोड़ रुपये की रिश्वत देने और उसे छिपाने का आरोप है। यह पूरा मामला अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा है। अब इस अडानी ग्रुप की ओर से सफाई आई है। अडानी ग्रुप के प्रवक्ता ने अमेरिकी आयोग द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताया है।
अडानी समूह के प्रवक्ता ने कहा, “अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग द्वारा अडानी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और उनका खंडन किया गया है। जैसा कि अमेरिकी न्याय विभाग ने खुद कहा है, “अभियोग में लगाए गए आरोप केवल आरोप हैं और जब तक दोषी साबित नहीं हो जाते, तब तक प्रतिवादियों को निर्दोष माना जाएगा।” सभी संभव कानूनी उपाय किए जाएंगे…”
अदानी समूह हमेशा अपने संचालन के सभी क्षेत्रों में शासन, पारदर्शिता और विनियामक अनुपालन के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। हम अपने हितधारकों, भागीदारों और कर्मचारियों को आश्वस्त करते हैं कि हम एक कानून का पालन करने वाला संगठन हैं, जो सभी कानूनों का पूरी तरह से अनुपालन करता है।
Adani Group Spokesperson says, “The allegations made by the US Department of Justice and the US Securities and Exchange Commission against directors of Adani Green are baseless and denied. As stated by the US Department of Justice itself, “the charges in the indictment are… pic.twitter.com/rSuxuHTFUo
— ANI (@ANI) November 21, 2024
अमेरिकी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने बुधवार को इस मामले में गौतम अडानी के भतीजे सागर अडानी, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारियों और एक अन्य फर्म एज़्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के कार्यकारी सिरिल कैबनेस के खिलाफ आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर ने सात अन्य प्रतिवादियों के साथ मिलकर अपनी रिन्यूएबल ऊर्जा कंपनी के लिए कॉन्ट्रैक्ट पाने और भारत की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा संयंत्र परियोजना विकसित करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को लगभग 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति व्यक्त की थी।
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