पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ने एक बार फिर उग्र रूप ले लिया. देखते ही देखते मुर्शिदाबाद, मालदा और जंगीपुर जैसे इलाकों में भीड़ ने सड़क और रेल यातायात को रोक दिया. जुमे की नमाज के बाद स्थिति बेकाबू होती चली गई और कुछ स्थानों पर हिंसा ऐसे बढ़ी कि संभालना मुश्किल हो गया.
प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव कर दिया और पुलिस के वाहनों में आग लगा दी. हालात को काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा. स्थिति बिगड़ते देख सीमा सुरक्षा बल (BSF) तैनात करनी पड़ी. राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने वहां के हालात पर चिंता जाहिर की है और कहा है कि लोकतंत्र में विरोध का अधिकार सभी को है लेकिन हिंसा बर्दाश्त नहीं. उन्होंने चेतावनी दी कि कानून हाथ में लेने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने उपद्रवियों पर तत्काल प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये हैं. मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं.
सबसे ज्यादा तनाव मुर्शिदाबाद जिले के सुती और शमशेरगंज में दिखा, जुमे की नमाज के बाद बड़ी संख्या में लोग वक्फ कानून के विरोध में सड़को पर निकल आये, भीड़ ने जुलूस निकाला और राष्ट्रीय राजमार्ग 12 पर जाम लगा दिया. स्थिति तब बिगड़ी जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वैन पर पथराव कर दिया. पुलिस के वाहनों में आग लगा दी.इसके बाद पुलिस -प्रर्शनकारियों में झड़प हो गई जिसमें 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए. कुछ प्रदर्शनकारियों ने बम जैसी चीजें भी फेंकी जिससे इलाके में अफरा तफरी मच गई. प्रदर्शनकारियों ने धुलियागंगा और निमतिता स्टेशनों के बीच रेलवे ट्रैक पर भी कब्जा कर लिया. 5000 लोग रेलवे ट्रैक पर आकर बैठ गये जिससे कामाख्या पुरी एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनें प्रभावित हुईं. मालदा जिले में भी उपद्रवियों ने पटरियों पर धरना दिया. पूर्वी रेलवे के फरक्का आज़िमगंज खंड पर भी ट्रेनों की आवाजाही रुक गई.
पुलिस ने जंगीपुर के सुती और शमशेरगंज में स्थिति को काबू में बताया है. पुलिस का दावा है कि प्रदर्शनकारियों को तितर बितर कर दिया है और राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात सामान्य हो गया है. हिंसा फैलाने वालों की धर पकड़ के लिए छापेमारी की जा रही है.
विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस उपद्रव पर राज्य सरकार को घेर लिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए कहा है कि यह हिंसा संविधान विरोधी मानसिकता का नतीजा है. राज्य में कानून व्यवस्था खस्ताहाल है. उन्होंने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग करते हुए अनुच्छेद 355 लगाने की मांग की. उन्होंने ममता सरकार से पूछा है कि अगर मुर्शिदाबाद में बीएसएफ की तैनाती की जा सकती है तो अन्य जिलों में क्यों नहीं? भारतीय संविधान के अनुच्छेद 355 के तहत केंद्र सरकार को विशेषाधिकार प्राप्त है कि वह बाहरी आक्रमण या आंतरिक अशांति के समय राज्य की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय करे.
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