वक्फ संशोधन बिल लोकसभा से पारित होने के बाद अब उस पर राज्यसभा में बहस चल रही है. इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर हमलावर दिखे. बीजेपी के राज्यसभा सांसद डा. राधा मोहन दास अग्रवाल ने वक्फ बोर्ड की तुलना पुरानी फिल्मों के गुंडों से की. उन्होंने कहा कि जिस तरह से फिल्मों में गुंडे जिस औरत पर हाथ रख देते थे, वह उनकी हो जाती थी, ठीक उसी तरह से ये जिस जमीन पर हाथ रख देते थे, वह जमीन इनकी हो जाती थी. वक्फ बाई यूजर इनका बड़ा हथियार था. किसी की जमीन पर इन्होंने कुछ दिन नमाज पढ़ ली, वक्फ बाई यूजर वो जमीन वक्फ बोर्ड की हो गई.
इस बिल का मुखर विरोध करने वाली पार्टियों में कांग्रेस, एआईएमआईएम व आप समेत इंडिया ब्लॉक के तमाम दल शामि हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे आज राज्यसभा में गरज रहे थे. दरअसल भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने कल आरोप लगा दिया था कि वक्फ प्रॉपर्टी पर उनके परिवार का कर्नाटक में कब्जा है. इस पर खरगे ने कहा कि अगर यह कोई साबित कर दे तो वह इस्तीफा दे देंगे.
ठीक इसी तरह से इस बिल को मुस्लिमों को जलील करने वाला बताकर चर्चे में आये एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी घिर गये हैं. उन्होंने बिल की कॉपी फाड़ी थी जिसको लेकिर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने हमला बोला. बात यही नहीं रुकी. ओवैसी को घेरने वाले हैदराबाद तक पहुंच गये और वहां से काला चिट्ठा निकाल लाये कि मामूली रकम किराये के रूप में देकर ओवौसी ने खुद तीन हजार करोड़ की संपत्ति पर कब्जा कर रखा है.
वक्फ वेलफेयर फोरम के चेयरमैन जावेद अहमद की मानें तो तेलंगाना में 3 हजार करोड़ की प्रॉपर्टी पर ओवैसी का कब्जा है. कानून कहता है कि 30 सालों से ज्यादा वक्फ की संपत्ति लीज पर नहीं ली जा सकती. नियम के मुताबिक ये रेंट बाजार बाजार के हिसाब चुकाना चाहिए.
वक्फ की संपत्ति पर सालों से कब्जा जमाकर बैठे नेताओं में अकेले ओवैसी नहीं हैं, बताते हैं कि दिल्ली में जमात ए उलेमा हिंद के पास काफी संपत्ति है, जो वक्फ की है. इसका फायदा बोर्ड या वंचित मुस्लिमों की बजाय ये लोग ले रहे हैं. आईटीओ मस्जिद अब्दुल नबी के अलावा देश के कई राज्यों में इनका एकाधिकार है. कुछ ऐसे ही महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष काजी समीर ने वक्फ की 275 एकड़ जमीन पर कब्जा रखा है. ऐसे एक दो नहीं सैकड़ों नेता और प्रभावशाली लोग हैं जो वक्फ की संपत्ति पर मौज कर रहे हैं.
वक्फ खुदा के नाम पर दी जाने वाली वस्तु या संपत्ति है जो परोपकार के उद्देश्य से दी जाती है. कोई भी मुस्लिम अपनी चल/अचल संपत्ति को वक्फ कर सकता है. जो संपत्ति एक बार वक्फ घोषित हो जाती है उसे दोबारा गैर वक्फ संपत्ति नहीं बनाया जा सकता है. इसी वजह से कहा जाता है कि एक बार वक्फ, हमेशा के लिए वक्फ.
केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक को पटल पर रखने के दौरान बताया कि साल 2006 में 4.9 लाख वक्फ संपत्ति पूरे देश में थीं जिससे कुल आय 163 करोड़ रुपये की हुई, वहीं 2013 में यूपीए सरकार द्वारा बदलाव के बाद भी आय महज तीन करोड़ रुपये बढ़ी. उन्होंने बताया कि आज देश में कुल 8.72 लाख वक्फ संपत्तियां हैं.
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