CJI UU Lalit: भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश बने यूयू ललित, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

CJI UU Lalit: नई दिल्ली। जस्टिस उदय उमेश ललित ने आज भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ले ली है। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें सीजेआई के रूप में शपथ दिलाई। बता दें कि सीजेआई एनवी रमना कल यानि 26 अगस्त को सेवानिर्वत्त हो चुके हैं। नए मुख्य न्यायाधीश का […]

Advertisement
CJI UU Lalit: भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश बने यूयू ललित, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

Vaibhav Mishra

  • August 27, 2022 12:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

CJI UU Lalit:

नई दिल्ली। जस्टिस उदय उमेश ललित ने आज भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ले ली है। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें सीजेआई के रूप में शपथ दिलाई। बता दें कि सीजेआई एनवी रमना कल यानि 26 अगस्त को सेवानिर्वत्त हो चुके हैं। नए मुख्य न्यायाधीश का कार्यकाल तीन महीने से भी कम समय का होगा। वो आठ नवंबर 2022 को अपने पद से रिटायर हो जाएंगे।

नए सीजेआई के बारे में जानिए…

भारत के नए मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित का जन्म 9 नवंबर 1957 को महाराष्ट्र राज्य के सोलापुर में हुआ था। वो जून 1983 में महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल में वकील के रूप में नामांकित हुए थे। इसके बाद साल 1986 में वो दिल्ली आ गए। इससे पहले दिसबंर 1985 तक उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की थी।

यूयू ललित क्राइम लॉ में हैं एक्सपर्ट

भारत के नए प्रधान न्यायाधीश बनने जा रहे जस्टिस यूयू ललित क्रिमिनल लॉ में एक्सपर्ट हैं। वो 2जी मामलों में सीबाई के विशेष लोक अभियोजक के रूप में भी काम कर चुके हैं। जस्टिस ललित लगातार दो कार्यकाल तक सुप्रीम कोर्ट की कानूनी सेवा समिति के सदस्य रह चुके हैं।

वकील से सीधे बने सुप्रीम कोर्ट के जज

बता दें कि, बेहद सौम्य स्वाभाव वाले जस्टिस उदय उमेश ललित भारत के इतिहास में दूसरे ऐसे मुख्य न्यायाधीश हैं। जो सुप्रीम कोर्ट का जज बनने से पहले किसी हाई कोर्ट में जज नहीं रहे हैं। वो वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट के जज के पद पर पहुंचे हैं। उनसे पहले साल 1971 में देश के 13वें मुख्य नायाधीश एस एम सीकरी के नाम ये उपलब्धि दर्ज हो चुकी है।

अयोध्या मामले से खुद को अलग किया

न्यायाधीश उदय उमेश ललित ने 10 जनवरी 2019 को खुद को अयोध्या-बाबरी मामले से अलग कर लिया था। 5 जजों की बेंच से उनके हटने की खबर ने मीडिया में काफी सुर्खियां बटोरी थी। जस्टिस ललित ने ऐसा करने के पीछे तर्क दिया था कि वो करीब 20 साल पहले अयोध्या विवाद से जुड़े एक अपराधिक मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के वकील रह चुके हैं।

कई महत्वपूर्ण फैसले सुना चुके हैं ललित

गौरतलब है कि भारत के नए चीफ जस्टिस बनने जा रहे जस्टिस यूयू ललित ने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में कई महत्वपूर्ण फैसले सुना चुके हैं। जिसमें तीन तलाक, केरल में त्रावणकोर शाही परिवार का पद्मनाभस्वामी मंदिर पर दावा और पॉक्सो कानून से जुड़े फैसले शामिल हैं।

बिहार में अपना CM चाहती है भाजपा, नीतीश कैसे करेंगे सियासी भूचाल का सामना

Advertisement