देहरादून, उत्तराखंड में मौसम का लगातार बारिश का रेड अलर्ट जारी है तो वहीं देर रात से ही उत्तराखंड के पहाड़ से लेकर मैदानी इलाकों तक भारी बारिश हो रही है. उत्तराखंड के पर्वतीय जनपदों से लगातार तेज बारिश की खबरें आ रही है ऐसे में चमोली जिले में पड़ने वाले फूलों की घाटी और […]
देहरादून, उत्तराखंड में मौसम का लगातार बारिश का रेड अलर्ट जारी है तो वहीं देर रात से ही उत्तराखंड के पहाड़ से लेकर मैदानी इलाकों तक भारी बारिश हो रही है. उत्तराखंड के पर्वतीय जनपदों से लगातार तेज बारिश की खबरें आ रही है ऐसे में चमोली जिले में पड़ने वाले फूलों की घाटी और हेमकुंड साहिब के मुख्य पड़ाव घांघरिया के समीप बादल फटने की सूचना है. हालांकि इस घटना से जान माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है लेकिन एहतियात के तौर पर हेमकुंड जाने वाले यात्रियों को फिलहाल रोक दिया गया है.
उत्तराखंड के घाघरिया में बादल फटने की घटना सामने आई है और घघरिया हेमकुंड साहिब यात्रा और फूलों की घाटी का मुख्य पड़ाव है. चमोली प्रशासन ने एहतियात के तौर पर हेमकुंड साहिब की यात्रा रोक दी है. DIG SDRF रिधिम अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि चमोली जिले के घांघरिया से बादल फटने की खबर आते ही सुरक्षा कारणों से हेमकुंड जाने वाले तकरीबन 30 से 35 यात्रियों को रोक दिया गया है हालांकि हेमकुंड साहिब से वापस आने वाले यात्री ढूंढा के नए पुल से वापस आ सकते हैं. डीआई एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल ने बताया कि भारी बारिश को देखते हुए डाउनस्ट्रीम में लगातार नदियों के जलस्तर पर भी नज़र रखी जा रही है.
बादल फटने का मतलब ये नहीं होता कि बादल के टुकड़े-टुकड़े हो गए हैं. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, जब एक जगह पर अचानक एक साथ भारी बारिश हो जाए तो उसे बादल फटना कहा जाता है. आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि अगर पानी से भरे किसी गुब्बारे को फोड़ दिया जाए तो सारा पानी एक ही जगह तेज़ी से नीचे गिरने लगेगा, ठीक वैसे ही बादल फटने से पानी से भरे बादल की बूंदें तेजी से अचानक जमीन पर गिरती है जिसे बादल फटना कहते हैं. इसे फ्लैश फ्लड या क्लाउड बर्स्ट भी कहा जाता है. अचानक तेजी से फटकर बारिश करने वाले बादलों को प्रेगनेंट क्लाउड भी कहा जाता है.
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