उमेश पाल हत्याकांड: जेल में अतीक से मिलने कई बार गया था उस्मान, कॉल डिटेल से खुले कई राज

लखनऊ। उमेश पाल हत्याकांड मामले को लेकर पुलिस एनकाउंटर में मारे गए विजय चौधरी उर्फ उस्मान की कॉल डिटेल्स से कई बड़े खुलासे हुए है। उस्मान का जुड़ाव अहमदाबाद जेल में बंद माफिया अतीक अहमद से महज दो साल के अंदर इतना हो गया था कि वह अतीक के लिए जान देने के लिए भी […]

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उमेश पाल हत्याकांड: जेल में अतीक से मिलने कई बार गया था उस्मान, कॉल डिटेल से खुले कई राज

Vikas Rana

  • March 8, 2023 9:34 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ। उमेश पाल हत्याकांड मामले को लेकर पुलिस एनकाउंटर में मारे गए विजय चौधरी उर्फ उस्मान की कॉल डिटेल्स से कई बड़े खुलासे हुए है। उस्मान का जुड़ाव अहमदाबाद जेल में बंद माफिया अतीक अहमद से महज दो साल के अंदर इतना हो गया था कि वह अतीक के लिए जान देने के लिए भी तैयार था, इसके अलावा उस्मान की पहुंच इतनी थी कि वो सीधे अतीक और अशरफ से मिलने लगा था।

उस्मान घटना से पहले वह अशरफ से मिलने बरेली जेल गया था। वहीं उससे पहले वह अतीक से मिलने साबरमती जेल भी पहुंचा था। उस्मान ने दोनों से वादा किया था कि वह अकेले ही उमेश और सिपाहियों को मार देगा। बता दें, विजय ने ही उमेश और सिपाही संदीप और राघवेंद्र को गोली मारी थी।

कॉल डिटेल से खुले राज

पुलिस को कॉल डिटेल से मिली जानकारी के अनुसार उमेश यादव को मारने की योजना कुछ महीने पहले ही साबरमती जेल से बनाई गई थी। उमेश को मारने के लिए विजय की बड़ी भूमिका तय की गई थी। इसके बाद उसे आईफोन के साथ ही पिस्टल दिया गया था। इसके अलावा उस्मान को 50 हजार रुपए भी दिए गए थे।

अतीक के करीब आने और गिरोह में खुद की बढ़ती भूमिका से उस्मान भी काफी ज्यादा खुश था। उस्मान गाड़ी चलाने से जितना पैसा नहीं कमा पा रहा था उससे ज्यादा उसे अतीक अपने काम के लिए देता था। इसके बाद उस्मान अतीक के बेटे असद से भी मिलने लगा। असद ने ही सबसे पहले उमेश पाल की हत्या करने के बारे में उस्मान को बताया था, जिसके बदले में उसे दस लाख रुपए और गाड़ी दी जाने की बात हुई थी।

उस्मान को जब हत्या के बदले दस लाख और गाड़ी मिलने की बात का पता चला तो काफी खुश हुआ। उसने असद से कह दिया कि वह अकेले ही उमेश का मार देगा। यह बात असद ने जब अतीक को बताई तो अतीक ने उस्मान से मिलने की बात कही। इसके बाद उस्मान को साबरमती जेल में अतीक से मिलने लाया गया।

इसके कुछ दिन बाद मुस्लिम बोर्डिंग हॉस्टल में सदाकत खान के कमरे में एक मीटिंग हुई जिसमें उस्मान शामिल नहीं था। मीटिंग में  निर्णय लिया गया कि गाड़ी से उतरते ही उमेश और सिपाहियों को पहली गोली उस्मान मारेगा। बाकी लोग बैकअप में रहेंगे। अगर उस्मान यह काम नहीं कर पाया तो बगल में ही मौजूद गुलाम मोर्चा संभाल लेगा। सब कुछ प्लान के मुताबिक ही हुआ।

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