लखनऊ। प्रयागराज पुलिस को मंगलवार रात को उमेश पाल हत्याकांड में बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने वकील उमेश पाल हत्याकांड मामले में 5 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की है। जिन पांच लोगों को गिरफ्तारी हुई है, उन लोगों का नाम नियाज अहमद, मोहम्मद सजर, कैश अहमद, राकेश कुमार और मोहम्मद अरशद खान उर्फ अरशद कटरा […]
लखनऊ। प्रयागराज पुलिस को मंगलवार रात को उमेश पाल हत्याकांड में बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने वकील उमेश पाल हत्याकांड मामले में 5 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की है। जिन पांच लोगों को गिरफ्तारी हुई है, उन लोगों का नाम नियाज अहमद, मोहम्मद सजर, कैश अहमद, राकेश कुमार और मोहम्मद अरशद खान उर्फ अरशद कटरा बताया जा रहा है।
पुलिस को इन पांच अभियुक्तों से पांच पिस्तौल, पांच तमंचे के अलावा 112 गोलियां के अलावा 6 मोबाइल फोन और 2 लाख 25 हजार रुपए भी मिले है। इसके अलावा पुलिस ने खुल्दाबाद थाना क्षेत्र के करबला इलाके में स्थित अतीक के कार्यालय में पुलिस ने मंगलवार को छापा मारकर करीब साढ़े 74 लाख रुपए बरामद किए है। पुलिस ने इससे पहले धूमनगंज इलाके से अतीक के पांच गुर्गें को गिरफ्तार किया था, जिनके जरिए अतीक के दफ्तर पहुंच कर कार्रवाई की गई। बड़ी संख्या में नकदी गिनने के लिए पुलिस को मशीन का इस्तेमाल करना पड़ा।
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों को लेकर पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने कहा कि पहला अभियुक्त नियाज अहमद धूमनगंज का रहने वाला है। असद ने इंटरनेट कॉल के जरिए अतीक और अशरफ से उसकी बात कराई थी। उमेश पाल हत्याकांड में नियाज अहमद का काम रेकी करने का था। उसने कचहरी से उमेश पाल के घर जाने तक की सारी जानकारी अतीक को दी थी। इसके अलावा उमेश पाल हत्याकांज को लेकर अतीक के घर पर बनी योजना की बैठकों में भी शामिल हुआ था। इसके पास से फोन बरामद हुए है, जिसकी छानबीन की जा रही है।
वहीं दूसरा आरोपी मोहम्मद सजर जंयती पुर सुलेम सराय का रहने वाला है। सजर का मुख्य काम उमेश पाल की लोकेशन को अतीक और अशरफ तक पहुंचाना था। इसके अलावा सजर अतीक के घर के पास ही रहता था। असद ने इसे एक आईफोन भी दिया था, जिसमें कई नंबर पहले से ही फीड थे।
वहीं तीसरा आरोपी अरशद कटरा पुलिसकर्मियों के शूटआउट की साजिश में शामिल था। चौथा आरोपी कैश अहमद 16 साल से अधिक समय से अतीक अहमद के परिवार का ड्राइवर था। उमेश पाल शूटआउट के बाद असलहा और कैश उसने छुपाया था। पुलिस इससे विस्तृत पूछताछ कर रही है। वहीं पांचवां आरोपी राकेश कुमार कौशांबी का रहने वाला है। राकेश उर्फ कुमार उर्फ लाला 16 साल से मुंशी का काम कर रहा था। हथियार और पैसे छिपाने में इसकी भी अहम भूमिका थी।