Breaking News Ticker

दिल्ली में भी हो सकती है तुर्की जैसी तबाही, 200 साल पहले आ चुका है भूकंप, जानिए दिल्ली को है कितना खतरा ?

नई दिल्ली। नौकरी और अच्छे जीवन की तलाश में पिछले कुछ सालों में दिल्ली की आबादी में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। जिसके कारण दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियां के अलावा बड़ी संख्या में बिल्डरों द्वारा अपार्टमेंट का निर्माण किया जा रहा है। आबादी के बढ़ने और सुविधाओं के सीमित रहने की वजह से सिस्मिक जोन 4 में शामिल राजधानी दिल्ली प्राकृतिक आपदाओं के लिए संवेदनशील हो रही है।

वहीं दिल्ली में कई ऐसे क्षेत्र हैं जो रेड जोन, ऑरेंज जोन और ग्रीन जोन में आते हैं। रेड जोन में आने वाले इलाकों में जहां लक्ष्मी नगर, मयूर विहार और अक्षरधाम जैसे इलाके हैं, वहीं ऑरेंज जोन में रोहणी रिठाला, लुटियंस जोन जैसे क्षेत्र आते हैं। इसके अलावा मुनरिका और जेएनयू के इलाके ग्रीन जोन में आते है जिन्हें भूकंप के लिहाज से सुरक्षित माना जाता है।

बता दें, दिल्ली में लाखों बिल्डिंग में से करीब 90 प्रतिशत बिल्डिंग ऐसी हैं, जो भूकंप के तेज झटके सहने में सक्षम ही नहीं है। इसके अलावा दिल्ली की सरकारी एजेंसियों के पास भूकंप से बचने के लिए ना ही किसी तरह की कोई योजना है ना ही कोई मशीनरी।

क्या है विशेषज्ञों की राय

दिल्ली में बड़े भूकंप के संकट को लेकर डिजास्टर मैनेजमेंट के एक्सपर्ट अभय श्रीवास्तव का कहना है कि दिल्ली – एनसीआर में जिस तरीके से लगातार बिल्डिगों का निर्माण किया जा रहा है, उससे दिल्ली- एनसीआर में भूकंप का खतरा अधिक है। दिल्ली की करीब 90 फीसदी बिल्डिगें असुरक्षित है।

वहीं दिल्ली- गुड़गांव बॉर्डर पर भूकंप के सात फॉल्ट्स हैं। इनमें सबसे ज्यादा खतरनाक सोहना फॉल्ट है, इसके बाद जानकी फॉल्ट है जो सबसे खतरनाक है अगर इनमें से किसी एक में भी कोई बड़ी हलचल होती है। तो तबाही मच सकती है। रिक्टर स्केल पर महज 6 तीव्रता वाला भूकंप ही दिल्ली- एनसीआर में तबाही लाने के लिए काफी है। भूकंप के लिहाज से दिल्ली में लुटियंस जोन, दिल्ली यूनिवर्सिटी के अलावा करोल बाग, जनकपुर और दिल्ली एयरपोर्ट जैसे इलाके सबसे ज्यादा खतरनाक है।

भूकंप से बचने के लिए सरकार के प्रयास

बता दें, भूकंप से बचने के लिए राजधानी में कई स्तरों पर प्लानिंग हुई है। इसके अलावा पुर्नेविकास को लेकर भी कई तरह की योजना बनाई गई है, लेकिन इसको लेकर किसी भी तरह का काम नहीं किया गया है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण लैंड पूलिंग पॉलिसी है, लैंड पूलिंग पॉलिसी 2018 में लाई गई थी। लेकिन यह सफल नहीं हो सकी। इसके अलावा सरकार द्वारा ड्राफ्ट मास्टर प्लान – 2041 भी तैयार किया गया है, जिसमें पुरानी बिल्डिंगों को पुनर्विकसित करने की योजना है। योजना के तहत राजधानी में बनी अवैध कॉलोनियों में बसी आबादी के लिए ऊंची इमारतों का निर्माण किया जाना है। इससे बची हुई जमीनों पर जनसुविधाओं को बढ़ाए जाने के लिए यहां पार्किंग, सड़कें, हेल्थ सर्विसेज और पार्क को बनाया जाएगा।

दिल्ली – एनसीआर में है 7 फॉल्ट लाइन

बता दें, दिल्ली में 7 फॉल्ट लाइन है जिनमें सोहना, दिल्ली फोल्डिंग, दिल्ली-हरिद्वार, दिल्ली-मुरादाबाद, मथुरा, मेन मुरादाबाद और जानकी देवी फॉल्ट प्रमुख हैं। इनमें सबसे खतरनाक सोहना फॉल्ट और दिल्ली फोल्डिंग हैं। मेन मुरादाबाद फॉल्ट के एक्टिव होने पर मेवात, गुड़गांव, तावडू और राजस्थान के कुछ हिस्सों में भूकंप से खतरा हो सकता है।

Vikas Rana

Recent Posts

मजे से झूला झूल रही थी बच्ची फिर हुआ बड़ा हादसा, सुनकर कांप जाएगी रूह

मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में रविवार को एक दर्दनाक हादसे में 13 साल की…

7 minutes ago

गाबा टेस्ट में तीसरे दिन भी बारिश बनी विलेन, सिर्फ 33.1 ओवर का खेल, टेंशन में टीम इंडिया

गाबा टेस्ट के तीसरे दिन बारिश के कारण करीब आठ बार खेल रोका गया. बारिश…

12 minutes ago

घर में भूलकर भी न लगाएं इस तरह के पौधे, बढ़ सकती है अशांति और कलह

नई दिल्ली: वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के आसपास पेड़-पौधों का सही स्थान पर होना…

28 minutes ago

इंस्टाग्राम से कमाना चाहते है पैसे? इस स्टेप्स को करें फॉलो हो जाएंगे मालामाल

इंस्टाग्राम पर सिर्फ रील्स स्क्रॉल करने से समय जरूर बीतता है, लेकिन कमाई नहीं होती।…

30 minutes ago

चलती मेट्रो में अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाती दिखीं मुस्लिम युवतियां, विरोध के बाद भी नहीं रुकी नारेबाजी

सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें बुर्का पहने कुछ मुस्लिम युवतियों को…

33 minutes ago

साल 2025 से पहले अच्छी सेहत के लिए अपनाएं ये आदतें, फिट रहने में मिलेगी मदद

स्वस्थ रहना हर व्यक्ति की प्राथमिकता होनी चाहिए। आज के समय में तनाव, खराब जीवनशैली…

40 minutes ago