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दक्षिण अफ्रीका से आज 12 चीते पहुंचेंगे भारत, कूनो नेशनल पार्क ने पूरी की तैयारियां

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना का सी- 17 ग्लोबमास्टर मालवाहक विमान आज दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को लेकर आ रहा हैं। इन 12 चीतों में से सात नर और पांच मादा हैं। चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रखा जाएगा। मामले पर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि हमारे पारिस्थितिक संतुलन […]

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दक्षिण अफ्रीका से आज 12 चीते पहुंचेंगे भारत, कूनो नेशनल पार्क ने पूरी की तैयारियां
  • February 18, 2023 7:00 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना का सी- 17 ग्लोबमास्टर मालवाहक विमान आज दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को लेकर आ रहा हैं। इन 12 चीतों में से सात नर और पांच मादा हैं। चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रखा जाएगा। मामले पर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि हमारे पारिस्थितिक संतुलन को बहाल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 12 चीतों को दक्षिण अफ्रीका से भारत लाया जा रहा है। भारतीय वायु सेना के गैलेक्सी ग्लोबमास्टर सी 17 पर इन सभी 12 चीतों को लाया जाएगा। विमान के आज सुबह करीब 10 बजे तक मध्य प्रदेश के ग्वालियर पहुंचने की उम्मीद है।

1952 में किया गया विलुप्त घोषित

इससे पहले नामीबिया से आठ चीतों को लाया गया था जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2022 को अपने जन्मदिन के अवसर पर कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। बता दें, 1952 में भारत सरकार ने चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया था, जिसके 71 वर्ष बाद चीतों को मोदी सरकार ने फिर से बसाने की पहल की है। भारत में वन्य जीवन के इतिहास में यह नए युग की शुरूआत हुई है।

भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना प्रोजेक्ट चीता के तहत वन्य प्रजातियों विशेषकर चीतों के सरंक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में सहयोग देने के लिए अंतरराष्ट्रीय यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर के दिशा-  निर्देशों के अनुसार भारत में चीतों को फिर से बसाया जा रहा है।

मामले पर कूनो नेशनल पार्क के अधिकारी एसपी यादव का कहना है कि मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीका से लाए जा रहे 12 अफ्रीकी चीतों के लिए व्यवस्था की जा रही है ताकि बाघों को किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े। उन्होंने बताया कि चीतों को दक्षिण अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क लाने के बाद उनके सभी स्वास्थ्य संबंधित जांच की जाएगी और फिर उन्हे एक महीने के लिए क्वारंटाइन में रखा जाएगा। इसके अलावा सभी चीतों में रेडियो कॉलर लगाए गए हैं, जिससे इन चीतों के ऊपर सैटेलाइट से निगरानी रखी जाएगी। इसके साथ ही प्रत्येक चीते के पीछे एक टीम को 24 घंटे निगरानी के लिए रखा गया है।

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