नई दिल्ली: भारत में एक समय मुगलों का शासन था. बता दें इस दौरान मुगलों ने देश में कई अच्छी चीजों का निर्माण कराया है. यह इमारतें आज भी देश की खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं. मगर दूसरी तरफ मुगलों के जीवन को लेकर कई तरह के सवाल उठते हैं, जिसमें उनकी जीवनशैली, हरम […]
नई दिल्ली: भारत में एक समय मुगलों का शासन था. बता दें इस दौरान मुगलों ने देश में कई अच्छी चीजों का निर्माण कराया है. यह इमारतें आज भी देश की खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं. मगर दूसरी तरफ मुगलों के जीवन को लेकर कई तरह के सवाल उठते हैं, जिसमें उनकी जीवनशैली, हरम की कहानियां, मुगलों की क्रूरता के किस्से शामिल हैं. वहीं मुगल बादशाह शाहजहां को लेकर एक दावा किया जाता है कि वह एक ऐसा मुगल बादशाह था जिसने अपनी सगी बेटी से शादी कर ली थी. चौंकिए मत! ऐसा हम नहीं बल्कि कुछ इतिहासकारों का मानना है. कई इतिहासकारों का यह कहना है कि शाहजहां ने अपनी बेटी जहांआरा से शादी की थी. यह फैसला शाहजहां ने अपनी पत्नी की मौत के बाद किया था.
एक तरफ शाहजहां ने अपनी पत्नी की मुहब्बत में ताज महल बनवाया था. वहीं दूसरी तरफ ये कहानी भी निकलकर सामने आती है कि शाहजहां ने अपनी सगी बेटी से ही निकाह कर लिया था. जिस पत्नी की मुहब्बत में शाहजहां ने ताजमहल बनावाया था, उसकी मृत्यु के तुरंत बाद अपनी बेटी से भी शादी कर ली थी. वहीं कुछ इतिहासकारों का कहना है कि शाहजहाँ ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि जहाँआरा बिल्कुल मुमताज़ जैसी दिखती थी. शाहजहाँ अपनी पत्नी से जुदाई सहन नहीं कर सका, इसलिए उसने मुमताज जैसी दिखने वाली अपनी ही बेटी से निकाह कर लिया था.
शाहजहां के 14 बच्चे थे, 14वें बच्चे की डिलीवरी के दौरान ही मुमताज की मृत्यु हो गई थी. इस दौरान जहांआरा सिर्फ 17 साल की थी. कुछ इतिहासकारों का कहना है कि जहांआरा ने इस शादी पर कोई आपत्ति नहीं जताई थी क्योंकि वह भी अपने पिता की हालात से बहुत परेशान थी. जहांआरा को एक प्रतिभाशाली राजकुमारी माना जाता है जिन्हें राजनीति की भी काफी समझ थी. वहीं, कुछ इतिहासकारों का कहना है कि पिता-बेटी के बीच प्यार को देखकर कुछ लोगों ने ऐसी मनगढ़ंत कहानियां गढ़ी हैं.
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