नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद वैश्विक राजनीति पर भूचाल आने की संभावना है. ट्रंप की जीत से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वक्त में रूस-यूक्रेन जंग को थामने में मदद मिल सकती है, क्योंकि निर्वाचित रिपब्लिकन प्रेसिडेंट यूक्रेन को अमेरिका की तरफ से दी जा […]
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद वैश्विक राजनीति पर भूचाल आने की संभावना है. ट्रंप की जीत से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वक्त में रूस-यूक्रेन जंग को थामने में मदद मिल सकती है, क्योंकि निर्वाचित रिपब्लिकन प्रेसिडेंट यूक्रेन को अमेरिका की तरफ से दी जा रही सहायता के खिलाफ हैं. इसके अलावा में टीम जंग रूकवाने के लिए रूसी नेतृत्व के साथ संपर्क में है. मगर इस बीच बड़ा खेल हो गया है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन को रूस पर घातक हथियारों के इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है.
बता दें इससे पहले बाइडेन प्रशासन अब्राम्स टैंक हिमार्स और एफ16 मिसाइलें जैसे घातक हथियारों के इस्तेमाल करने की मंजूरी दे चुका है. इन हथियारों के इस्तेमाल की मंजूरी का मतलब यही है कि अब रूस-यूक्रेन युद्ध और तेज हो जाएगा. ये सभी बेहद खतरनाक हथियार हैं. F-16 एक बेहद आधुनिक लड़ाकू विमान है. अब सवाल यह उठ रहा है कि यूक्रेन शुरू से बाइडन प्रशासन से इन घातक हथियारों के इस्तेमाल की मंजूरी मांगता रहा है, परंतु जब मंजूरी दी गई तब तक देर हो चुका थी. अब अमेरिकी आर्मी टेक्निकल मिसाइल सिस्टम को मंजरी मिलने के समय पर सवाल उठ रहा है. आखिर बाइडन प्रशासन ने इस समय इसकी मंजूरी क्यों दी है.
सबसे बड़ी बात यह है कि यूक्रेन को दी जा रही इस ATACMS मिसाइल सिस्टम की सप्लाई काफी सीमित है. इसके अलावा इससे ज्यादा रेंज केवल 100 किमी है. इससे रातों-रात जंग में कुछ खास बदलाव नहीं होने वाला है. इसकी जगह यूक्रेन अपने यहां निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल करेगा. वे सस्ते भी हैं. इन्हीं ड्रोन के जरिए यूक्रेन के मॉस्को के आसमान में अफरा-तफरी मची थी. इस बीच रूस ने यूक्रेन पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने उत्तरी यूक्रेन के सुमी शहर में एक नौ मंजिला इमारत पर बमबारी की. इस बमबारी में आठ लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. पिछले कुछ महीनों में यह सबसे बड़ा रूसी हमला है.
अमेरिकी मिसाइल को मिली मंजूरी से विशेषज्ञ भी हैरान हैं. उनका कहना है कि यह मंजूरी इस जंग को और भड़का देगी. इससे रूस और अधिक चिढ़ जाएगा और मामला तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ सकता है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि पश्चिमी देश आग से खेल रहे हैं. विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि उत्तर कोरिया से रूसी सैनिकों के आने की वजह से अमेरिका ने इस मिसाइल के इस्तेमाल को मंजूरी दी है. बाइडन प्रशासन के इस फैसले के बारे में खुलासा करने वाले न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार ने कहा कि इन मिसाइलों का इस्तेमाल रूसी और उत्तर कोरियाई सैनिकों के खिलाफ किए जाने की संभावना है.
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