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चारों तरफ लाशें पड़ीं थीं, महाकुंभ में लापता लोगों के परिजन ने बताया आंखो देखी हाल, आखिर कैसे मची भगदड़?

कोलकाता से आई एक महिला ने बताया कि वह चार लोगों के साथ महाकुंभ स्नान के लिए आई थी लेकिन अब सभी खो गए हैं.महिला का रो- रोकर बुरा हाल है.

Mahakumbh
  • January 29, 2025 12:09 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 weeks ago

नई दिल्ली : महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के पहले मची भगदड़ में लोगों का रो- रोकर बुरा हाल हो गया. वहीं कई लोग अपनों की तलाश के लिए इधर – उधर भटक रहे थे. अपनों की तलाश में लोगों के आंखो से आंसुओं का सैलाब बह रहा था. वहीं पर मौजूद लोगों ने बताया कि अचानक इतनी भीड़ कैसे बढ़ गई कि उन्हें संभानला मुश्किल हो गया लोग एक दूसरे के ऊपर गिर रहे थे. वहीं हादसे में अपनों को खोने वाले लोगों ने बताया कि उस समय कैसा मंजर था.

कोलकाता से एक महिला अमृत स्नान के महाकुंभ आई थी. वह चार लोगों के साथ आई थी. मगर अब सब खो गए. महिला बहुत रो रही है. अब उसके साथ कोई नहीं है. जो लोग उसके साथ आए थे, वह भी नहीं हैं. महिला को बताया गया कि उनके साथ जो लोग आए थे. उन सब की मृत्यु हो गई. जिसकी तलाश में महिला भटक रही थी.

चश्मदीदों ने बताई आंखों देखी हाल

वहीं एक और शख्स ने बताया कि वह भी अपने माता-पिता और परिवार के साथ महाकुंभ स्नान के लिए आया था. तभी अचानक भीड़ बढ़ गई और भगदड़ में उसके माता-पिता और बच्चे भी दब गए.उसने बताया कि मेरी मां बहुत नीचे दबी हुई थी. मैं पहले किसी तरह खुद को निकाला, फिर अपने बच्चों को निकाला, फिर पिताजी को निकाला, फिर बाद में माता जी को निकाला, उनकी हालत बहुत ज्यादा खराब थी.

शख्स का कहना है कि अचानक लोगों की भीड़ बढ़ने की वजह से भगदड़ मच गई. एकदम से बहुत से लोग आ गए और वह आगे बढ़ने के लिए एक- दूसरे के ऊपर चढ़ने लगे . लोग गिर रहे थे फिर भी लोग उनके ऊपर से चढ़कर जाने लगे जिसके बाद हालत खराब हो गए. शख्स ने बताया कि इस भगदड़ में कई लोगों की मौतें हुई हैं. वहीं लगभग 50-60 लोग दब गए हैं.

भगदड़ के बाद कैसे थे हालात

चित्रकूट से आये एक व्यक्ति जिसका नाम इंद्रपाल है . वह अपनी बहनोई चंद्रपाल के साथ महाकुंम में अमृत स्नान करने के लिए आये थे. उनके संगम के तट पर पहुंचने से पहले ही रोक दिया गया. उसके बाद फिर संगम तट पर धक्का मुक्की होने लगी भगदड़ मच गई. जिसके बाद हम दोनों एक- दूसरे से पिछड़ गए और लापता हो गए, अब मेरे बहनोई का कुछ नहीं पता चल रहा है. जब मैं फिर संगम तट पर दुबारा गया तो वहां केवल लाशें पड़ीं थी. हालाँकि मेला प्रशासन की तरफ से अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है.