नए साल पर आज से स्विट्जरलैंड में महिलाओं के सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का या किसी भी तरीके से पूरी तरह मुंह ढंकने पर बैन लागू हो गया है। यह कानून 2022 में स्विट्जरलैंड की संसद के निचले सदन में पारित हुआ था। राष्ट्रीय परिषद में हुए मतदान में 151 सदस्यों ने इसके पक्ष में और 29 ने विरोध में वोट दिया था।
नई दिल्ली: नए साल पर आज से स्विट्जरलैंड में महिलाओं के सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का या किसी भी तरीके से पूरी तरह मुंह ढंकने पर बैन लागू हो गया है। जानकारी के अनुसार, अगर कोई भी महिला इस कानून का उल्लंघन करती हैं तो उस पर 1000 स्विस फ्रैंक यानी 96 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
यह कानून 2022 में स्विट्जरलैंड की संसद के निचले सदन में पारित हुआ था। राष्ट्रीय परिषद में हुए मतदान में 151 सदस्यों ने इसके पक्ष में और 29 ने विरोध में वोट दिया था। यह प्रस्ताव दक्षिणपंथी स्विस पीपुल्स पार्टी (SVP) द्वारा पेश किया गया था, जबकि सेंट्रल और ग्रीन्स पार्टी ने इसका विरोध किया था। वहीं समर्थकों का कहना है कि यह कदम सार्वजनिक सुरक्षा और सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए जरूरी है, जबकि विरोधियों का दावा है कि यह मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने वाला कानून है।
स्विट्जरलैंड से पहले फ्रांस, बेल्जियम, डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड और बुल्गारिया में भी नकाब और बुर्का पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। इन देशों में सार्वजनिक स्थानों जैसे दफ्तरों, परिवहन, रेस्तरां और दुकानों पर चेहरा ढकने की इजाजत नहीं है। बता दें ल्यूसर्न यूनिवर्सिटी की 2021 की एक रिसर्च के मुताबिक, स्विट्जरलैंड में बुर्का पहनने वाली महिलाओं की संख्या बेहद कम है। यहां केवल 30 महिलाएं ही नकाब पहनती हैं। स्विट्जरलैंड की कुल 86 लाख आबादी में मुस्लिम समुदाय मात्र 5% है, जिनमें ज्यादातर तुर्किये, बोस्निया और कोसोवो से हैं।
बुर्का एक संपूर्ण वस्त्र है, जो पूरे शरीर को ढकता है और इसमें आंखों के सामने जाली होती है। यह मुख्य रूप से दक्षिण एशिया और अफगानिस्तान में प्रचलित है। वहीं नकाब चेहरे के निचले हिस्से को ढकता है और आंखें खुली रहती हैं। यह यूरोप और खाड़ी देशों में अधिक प्रचलित है। हिजाब सिर, गले और कान को ढकता है लेकिन चेहरा खुला रहता है।
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